महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए कल खुलेगा यूनिवर्सिटी पोर्टल
दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय में समस्त स्नातकोत्तर कक्षाओं तथा चुनिंदा महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु पोर्टल 1 सितंबर 2021 से आरंभ होगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. सी.एल.देवांगन ने बताया कि विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के अंतिम वर्ष के समस्त परिणाम घोषित हो चुके हैं। स्नातकोत्तर कक्षाओं एम.ए., एम.एससी., एमकॉम, एम.लिब., पीजीडीसीए, एल.एल.बी., बी लिब, एमएसडब्लयू, आदि में ऑनलाईन प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय का अधिकृत पोर्टल 01 सितंबर 2021 से खुल जायेगा। प्रवेश हेतु इच्छुक विद्यार्थी 07 सितंबर 2021 तक उपरोक्त कक्षाओं में प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे। डॉ. देवांगन ने बताया कि 07 सितंबर ऑनलाईन प्रवेश की अंतिम तिथि होगी। इस तिथि के पश्चात् किसी भी विद्यार्थी का ऑनलाईन प्रवेश आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
कुलसचिव, डॉ. देवांगन के अनुसार स्नातक स्तर के बीएससी, बीकॉम, बीए, बीसीए, आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु पूर्व में 20 अगस्त 2021 अंतिम तिथि निर्धारित थीं। इसके अनुसार महाविद्यालयों में प्रवेश संबंधी प्राविण्य सूची बनाकर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी थीं। विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत् विद्यार्थियों ने ही महाविद्यालयों में नियमित विद्यार्थियों के रूप में प्रवेश लिया हैं। अतः जिन महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने उनका स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष की कक्षा में प्रवेश संबंधी पोर्टल पुनः खोले जाने का लिखित रूप से आग्रह किया हैं उन सभी महाविद्यालयों के प्रवेश पोर्टल 01 सितंबर 2021 से खोला जा रहा है। ये विद्यार्थी भी 07 सितंबर 2021 तक ही ऑनलाईन रूप से प्रवेश हेतु आवेदन कर सकेंगे।
उपकुलसचिव, परीक्षा, डॉ. राजमणि पटेल के अनुसार विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं के 51 में से 42 परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके हैं। इनमें स्नातकोत्तर कक्षाओं के समस्त परीक्षा परिणाम शामिल हैं। शेष बचे परीक्षा परिणामों में स्नातक स्तर के बी.ए., बी.कॉम, बी.एससी की प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम प्रमुख हैं। डॉ राजमणि पटेल ने बताया कि पीएचडी कोर्स वर्क की लिखित परीक्षा अक्टूबर माह के तृतीय सप्ताह में संभावित हैं। इससे पूर्व 01 से 15 अक्टूबर के मध्य पीएचडी करने वाले शोधार्थियों को मौखिक प्रस्तुतिकरण देना होगा।