WSHGs make good earning from Soft Toys

आराध्या स्व सहायता समूह के सॉफ्ट टॉयज की बढ़ी मांग

भिलाई। आराध्या स्व. सहायता समूह की महिलाओं ने सॉफ्ट टॉयज के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा दी है। ये महिलाएं प्रतिमाह 80 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक के खिलौने बेचती हैं जिससे 15 हजार रुपए तक का शुद्ध मुनाफा हो जाता है। देश के खिलौना उद्योग को चीनी खिलौनों से हुए नुकसान की भी इससे कुछ हद तक भरपाई हो रही है। आराध्या समूह की अध्यक्ष खुर्सीपार निवासी सरिता ने बताया कि कुछ अलग करने की सोच के साथ खिलौने का व्यवसाय अपनाया गया। Soft Toys by WSHGघर पर रहकर खिलौना तैयार करने का विचार मन में आया, महिलाओं को एकजुट किया, फिर समूह तैयार हुआ, निगम में पंजीयन कराकर बैंक लिकेज से सहायता प्राप्त हुई और 8-10 महिलाओं के माध्यम से खिलौना बनाकर स्थानीय स्तर पर विक्रय प्रारंभ किया।
सबसे बड़ी समस्या इसके विक्रय को लेकर थी, इसमें निगम प्रशासन ने सहयोग किया, कई स्थलों पर स्टॉल भी उपलब्ध कराये और प्रचार होता गया। धीरे-धीरे अन्य जिलो में विक्रय प्रारंभ किया। अब बेमेतरा, कवर्धा, धमतरी, राजनांदगांव एवं रायपुर जैसे शहरो में भिलाई के खुर्सीपार के खिलौने बिक्री के लिये मौजूद है। स्व. सहायता समूह की अध्यक्ष सरिता ने बताया कि माह में 80 हजार से लेकर 1 लाख राशि तक के खिलौने की बिक्री होती है और 15 हजार तक शुद्ध मुनाफा होता है।
सरिता ने बताया कि दुर्गा पूजा से लेकर मार्च माह तक के सीजन में ज्यादा डिमांड होती है, वहीं होल सेल बिक्री को उन्होंने ज्यादा प्राथमिकता दी है। वार्ड 31 दुर्गा मंदिर खुर्सीपार के कबीर मंदिर के सामने ही महिला ने दुकान भी प्रारंभ किया है। अपने साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर दे रही है। खिलौना में टेडीबियर, गुड़िया, घोड़ा, डॉग एवं गिलहरी जैसे आयटम की ज्यादा मांग होना उन्होंने बताया। खिलौना बनाने में मशीन का भी उपयोग किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे के निर्देश पर राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का बेहतर क्रियान्वयन भिलाई निगम क्षेत्र में हो रहा है। नोडल अधिकारी सुनील अग्रहरि और सहायक परियोजना अधिकारी फनीणद्र बोस महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में लगातार योजना की समीक्षा कर रहे हैं।

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