जब गले से पानी भी उतरना हुआ बंद, तब जाकर पहुंची हाइटेक अस्पताल
भिलाई। तीन महीने से भी अधिक समय से वह कुछ खा नहीं पा रही थी। गले से कुछ उतरता ही नहीं था। 6-7 दिन पहले जब पानी भी गले से उतरना बंद हो गया तो मरीज को हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल लाया गया। दरअसल उसकी भोजन नलिका सिकुड़ गई थी। नलिका को खोलने के लिए स्टील का स्टेंट डाला गया। 2 दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई।
बेमेतरा के गाड़ाडीह वार्ड-4 की रहने वाली 67 वर्षीय इस महिला को 2 मई को हाईटेक हॉस्पिटल लाया गया था। वह कुछ भी निगल नहीं पा रही थी। गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ आशीष कुमार देवांगन ने बताया कि मरीज की एंडोस्कोपी करने पर पता चला कि घुटकी (ईसोफेगस) के नीचे आहार नली का लगभग 5 सेन्टीमीटर हिस्सा सिकुड़ कर बंद हो गया था। शंका होने पर बायप्सी की गई तो कैंसर होने की पुष्टि हो गई। महिला गुटखा चबाया करती थी। पर मरीज की उम्र और स्थिति को देखते हुए कैंसर का इलाज किया जाना संभव नहीं था। पर जीवन बचाने के लिए आहार नली को खोलना भी जरूरी था।
उन्होंने बताया कि आहार नली को खोलने के लिए मेटल स्टेंट लगाया गया है जिसके बाद मरीज अब दाल, दलिया, खिचड़ी जैसा आहार ले पा रही है। नली अभी जितना खुली है, कुछ दिनों में वह उससे कुछ ज्यादा खुलेगी। इससे आहार ग्रहण करना आसान हो जाएगा और उनकी जीवन प्रत्याशा भी बढ़ जाएगी। 5 मई को मरीज को आवश्यक हिदायतों के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।