Entrepreneurship programme at SSSSMV

स्वरूपानंद कालेज में उद्यमिता विकास के तहत मेहंदी प्रतियोगिता

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में उद्यमिता विकास सेल एवं प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे तीज एवं शिक्षक दिवस के अवसर पर उद्यमिता कौषल विकास हेतु मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रदेश की कला संस्कृति से अवगत कराने के साथ ही उनमें उद्यमिता कौशल का विकास करना भी था. महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डाॅ दीपक शर्मा ने कहा कि ऐसे आयोजन से विद्यार्थियों मे व्यवसायिक एवं विपणन कौशल का विकास होता है।
प्रबंधन विभाग की विभागाध्यक्ष खुशबू पाठक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में तीज का त्योहार एक महत्वपूर्ण पांरम्परिक त्योहार है इसमें महिलायें सोलह श्रृगांर करती है एवं भारतीय संस्कृति के श्रंृगार में मेहंदी का महत्वपूर्ण स्थान है जिसे ध्यान में रखते हुये इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्राचार्य डाॅ हंसा शुक्ला ने कहा महाविद्यालय मे इस तरह के आयोजनों से विद्यार्थियों की प्रतिभा को उभारने का मंच मिलता है जिससे वे अपनी रचनात्मकता से स्वयं का रोजगार शुरु कर आत्म निर्भर बन सकते है।
कार्यक्रम मे श्री शंकराचार्य शैक्षणिक कैंपस हुडको भिलाई के अलग अलग विभाग से शिक्षिकों ने मेहंदी लगवाकर विद्यार्थियो का हौसला बढ़ाया। विद्यार्थियो ने उत्साह के साथ अलग-अलग डिज़ाइन की मेहंदी जैसे- अरेबिक, दुल्हन मेहंदी, फ़्री स्टाइल, मारवाड़ी पैटर्न लगाकर अपने कौषल का परिचय दिया।
मेहंदी प्रतियोगिता की निर्णायक डाॅ पूनम निकुम्भ विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग, डाॅ दुर्गावती मिश्रा सप्रा शिक्षा विभाग रही।
मेंहदी प्रतियोगिता लघु उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के उद्देष्य से किया गया है जिससे विद्यार्थी अर्थोपार्जन कर सके एवं भविश्य में स्वरोजगार के रुप में अपना कर आत्मनिर्भर बन सके। प्रतियोगिता का मूल्याकंन मेंहदी की कलात्मक सफाई, सृजनात्मकता व अथार्जन के आधार पर किया गया विद्यार्थियों ने 50-60रु विनियोग कर 400 से 600 रु तक अर्जित किये। प्रतियोगिता में प्रथम मोनिका मानिकपुरी बीबीए तृतीय सेमेस्टर ने 600रु, द्वितीय मेघा निर्मलकर बीबीए तृतीय सेमेस्टर ने 560रु एवं तृतीय अंजली षर्मा बीबीए तृतीय सेमेस्टर ने 450रु अर्जित कर उद्यमिता कौषल का परिचय दिया।
कार्यकम को सफल बनाने में दीपली किंगरानी सप्रा वाणिज्य, श्री गगन भनोट सप्रा प्रबंधन वाणिज्य ने विशेष योगदान दिया।

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