Uretral stricture surgery at Aarogyam Hospital

पेशाब रुकने से सूज गई थी किडनी, आरोग्यम हॉस्पिटल में हुई सफल सर्जरी

भिलाई। मूत्रनलिका सिकुड़ने के कारण पेशाब के रूकने के मामले आम हैं. महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है. पर मूत्रवाहिनी में सिकुड़न या रुकावट के मामले विरल ही होते हैं. एक ऐसे ही मामले में एक 23 वर्षीय महिला को आरोग्य लाया गया था. मूत्रवाहिनी में रुकावट के कारण उसकी बायीं किडनी में काफी सूजन थी. आरोग्यम सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में उसकी सफल सर्जरी कर दी गई. पूरी तरह स्वस्था होने के बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
आरोग्यम के यूरो सर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि किडनी से ब्लैडर (पेशाब की थैली) तक मूत्र को लेकर जाने वाली नलिकाओं को यूरेटर या मूत्रवाहिनी कहा जाता है. ब्लैडर से पेशाब को बाहर निकालने वाली नलिका को मूत्र नली या यूरेथ्रा कहा जाता है. महिला को मूत्रवाहिनी में दिक्कत थी. बाई किडनी से निकलने वाली मूत्रवाहिनी सिकुड़ी हुई थी जिसके कारण पेशाब बाहर नहीं निकल पा रहा था. ऐसी रुकावट को स्ट्रिक्चर कहते हैं. इससे किडनी में काफी सूजन आ गई थी और वह नष्ट होने के कगार पर थी.
बालोद निवासी 23 वर्षीय गंगा को जब आरोग्यम लाया गया तो उसकी हालत बहुत नाजुक थी. किडनी संक्रमित हो चुकी थी जिसके कारण उसे तेज बुखार था. महिला जी मितलाने और भूख न लगने की भी शिकायत कर रही थी. आरोग्यम में कुछ जांचों के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई. इसके बाद मरीज को सर्जरी के लिए लिया गया जहां यूरेट्रल स्ट्रिक्चर को खोला गया. पेशाब बह जाने के बाद किडनी अपनी सामान्य अवस्था में लौट आई. पर इस दौरान किडनी को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ने पर मरीज की एक और सर्जरी करनी पड़ेगी, पर उसकी संभावना बहुत कम है.

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