Ignoring kidney stones can be traumatic

हमेशा अपने आप नहीं निकल जाता किडनी स्टोन, कभी-कभी जान पर बन आती है

भिलाई। किडनी स्टोन के बारे में आम धारणा यही है कि यह अपने आप निकल जाता है. लोग तरह-तरह के देसी उपाय करते हैं. कोई बीयर पी रहा होता है तो कोई पत्थरचटा, गुड़हल के पत्ते या कलियां पीसकर खा रहा होता है. बिना पथरी का आकार प्रकार जाने की जाने वाली ऐसी चिकित्सा से कभी-कभी जान पर बन आती है. कोसमी, डौंडीलोहारा के 50 वर्षीय सोनकुंवर के साथ भी ऐसा ही हुई. किडनी स्टोन की उपेक्षा हुई और फिर नौबत इमरजेंसी की आ गई.
सोनकुंवर को पिछले महीने भर से बायीं किडनी की तकलीफ थी. दर्द के साथ ही पेशाब में जलन हो रही थी. बुखार भी था. जब रोग किसी तरह काबू में नहीं आया तो उन्हें आरोग्यम मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल को रिफर कर दिया गया. जांच करने पर उनकी बायीं किडनी में पथरी के साथ ही संक्रमण भी मिला. श्वेत रक्त कोशिकाओं (डब्लूबीसी) की संख्या ढाई गुणा तक बढ़ी हुई थी. इसका सामान्य काउंट 10 हजार के आसपास होता है जबिक मरीज का डब्लूबीसी काउंट 25300 के पार था.
यूरो सर्जन डॉ नवीनराम दारूका ने दूरबीन पद्धति से उनकी किडनी की पथरी को निकाल दिया. मरीज अब तेजी से स्वास्थ्य लाभ कर रहा है. डॉ दारूका ने कहा कि किडनी स्टोन के प्रति लापरवाही ठीक नहीं है. किडनी आपके शरीर के फिल्टर प्लांट हैं तथा यहां होने वाला संक्रमण बहुत तेजी से शरीर में फैल जाता है. जब भी किडनी स्टोन की आशंका हो, तत्काल उसकी जांच करवाकर निश्चिंत होने का प्रयास करना चाहिए. किडनी स्टोन को गलाने की दवाइयां भी किसी कुशल यूरोलॉजिस्ट की देखरेख में ही ली जानी चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *