Patient with perforated stomach was being treated by exorcist

अच्छा हुआ अस्पताल ले आए, वरना झाड़फूंक ले लेती जान

जशपुर नगर. अधेड़ उम्र के एक व्यक्ति की जान यहां जिला अस्पताल की टीम ने बचा ली. मरीज को भयंकर पेट दर्द था. उसे खून की उलटियां भी हो रही थीं. घर वाले पिछले काफी समय से उसका झाड़फूंक करवा रहे थे पर दर्द ठीक ही नहीं हो रहा था. बुखार और कमजोरी से इधर मरीज की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी. जांच करने पर पता चला कि उसके आमाशय में एक छेद हो गया है. आपरेशन कर आमाशय की मरम्मत कर दी गई. अब मरीज की हालत ठीक है.
21वीं सदी में मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर चुका है. छत्तीसगढ़ की ही बात करें तो स्वास्थ्य सेवाएं हर व्यक्ति की पहुंच में हैं. आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज भी मुफ्त हो रहा है. बावजूद इसके अंधविश्वास और टोना-टोटका आज भी जनजीवन का हिस्सा बने हुए हैं. मरीज को पहले दर्द कुछ अंतराल में होता था. पर पिछले कुछ समय से दर्द लगातार बना हुआ था. चिकित्सकों ने बताया कि लंबे समय तक एसिडिटी के बने रहने या खाली पेट शराब का सेवन करने से आमाशय में छाले पड़ जाते हैं. इसका इलाज नहीं कराने पर ये आमाशय की दीवारों में छेद बना सकते हैं जिससे आमाशय का एसिड मिश्रित भोजन पेट की थैली में जा सकता है. इससे संक्रमण हो सकता है और मरीज की मौत तक हो सकती है.
चिकित्सकों ने बताया कि मरीज बगीचा ब्लॉक के घुघरी निवासी मंगल राम 48 वर्ष के आमाशय में 1.5 सेंटीमीटर का छेद था. ऑपरेशन कर उसकी मरम्मत कर दी गई. मरीज गंभीर हालत में गुरुवार की शाम को जिला अस्पताल पहुंचा था. शुक्रवार को उसका सफल ऑपरेशन हुआ. घर वालों को पहले लगा कि उसपर भूत-प्रेत का साया है. इसलिए वे उसे बैगा के पास लेकर गए थे जो झाड़फूंक से उसका इलाज कर रहा था.

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