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उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के लिए मिशन मोड पर कार्य करें – डॉ. तिवारी

दुर्ग. शासकीय डाॅ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ के तत्वाधान में संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित के गई. कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नैक मूल्यांकन के लिए विगत वर्षो से मिशन मोड पर अभियान चलाया गया है और 160 शासकीय महाविद्यालय मूल्यांकित हो चुके है. दुर्ग संभाग के 90 प्रतिशत महाविद्यालय भी नैक द्वारा मूल्यांकित हो चुके हैं. शेष महाविद्यालय प्रक्रिया में हैं.
डाॅ. तिवारी ने कहा कि महाविद्यालय में गुणवत्ता के लिए मिशन मोड पर कार्य करना होगा तभी स्थायी रूप से संस्था का विकास एवं उन्नयन होगा. संभाग के सभी जिलों के प्राचार्य तथा आईक्यूएसी समन्वयक शामिल हुए. नैक मूल्यांकित शासकीय महाविद्यालयों के लिए एक्यूएआर (एनुअल क्वालीटी एश्योरेंस रिर्पोट) के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी थी.
उच्च शिक्षा विभाग के ओएसडी डाॅ. जीए घनश्याम ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में नैक मूल्यांकन के विभिन्न चरणबद्ध कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि नैक द्वारा लगातार मूल्यांकन प्रक्रिया में संशोधन एवं नवाचार किया जा रहा है जिससे सभी महाविद्यालयों की आईक्यूएसी को अपडेट रहने की आवश्यकता है. उन्होंने वार्षिक रिपोर्ट को आगामी मूल्यांकन के लिए अहम बताते हुए कार्यशाला में सभी विशेषज्ञों के बताये गए महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गंभीरता से कार्य करने को कहा?
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में विषय-विशेषज्ञ के रूप में डॉ. प्रज्ञा कुलकर्णी, डाॅ. ए.के. श्रीवास्तव, डॉ. सपना शर्मा सारस्वत, डाॅ. शिखा श्रीवास्तव, डाॅ. ऋचा ठाकुर, डाॅ. अनिता साहा, डाॅ. यासमीन परवेज ने नैक मूल्यांकन के सभी 7 क्राइटेरियाज पर सारगर्मित ढंग से व्याख्यान दिया तथा वार्षिक रिपोर्ट की तैयारियों पर प्रशिक्षण दिया.
तकनीकी सत्र के बाद प्रश्नोउत्तर सत्र में मी महाविद्यालयों से आये प्राचार्य एवं आईक्यूएसी समन्वयको ने प्रश्न पूछकर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया.
इस सत्र में शास. विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग से प्राचार्य डाॅ. आरएन सिंह, डाॅ. जगजीत कौर सलूजा, डाॅ. अनुपमा अस्थाना ने सभी प्रश्नों के उत्तर दिये तथा मार्गदर्शन किया.
आदर्श महाविद्यालय के प्राध्यापक विकास पंचाक्षरी ने नैक मूल्यांकन में आईक्यूएसी की भूमिका पर चर्चा की.
कार्यशाला के अंतिम सत्र में अतिथियों एवं विषय-विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. ऋचा ठाकुर ने किया तथा आभार प्रदर्शन डाॅ. यासमीन फातिमा परवेज ने किया.

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