Social media sextortion on the rise

बढ़ रहे हॉट फोटोज़, सोशल मीडिया और सेक्सटॉर्शन के मामले

किसे अच्छा नहीं लगता कि कोई उसे सुन्दर बोले, स्मार्ट बोले? पर जब सुन्दरता का यह बोध केवल शरीर से जुड़ा हो, तो मुसीबत गले पड़ सकती है. पड़ भी रही है, पर परवाह किसे है. एक्सीडेंट के डर से कोई गाड़ी चलाना थोड़ी छोड़ देता है. स्मार्ट फोन का स्मार्ट कैमेरा जब सेल्फी भी बढ़िया खींचने लगे तो क्रिएटिविटी कुलांचे भरने लगती है. लोग तरह-तरह के फोटो और वीडियो बनाने लगते हैं. दीवानों की संख्या बढ़ती चली जाती है. किसी-किसी के फालोअर्स की संख्या लाखों में हैं. उनके फालोअर्स लगभग हर पोस्ट-रील को लाइक करते हैं. उन्हें लगता है कि पोस्ट डालने वाला उनके लाइक्स गिन रहा है. एक न एक दिन वह उससे इम्प्रेस जरूर हो जाएगा. बेचारों को पता नहीं कि पोस्ट डालने वालों में से बहुत कम लोग किसी और का पोस्ट देखते हैं. लाइक्स की भी वो केवल संख्या देखते हैं. लाइक किसने किया इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता. पर सभी इस तरह के ब्लाइंड फालोअर्स या अंधे प्रेमी नहीं होते. जो सयाने होते हैं वो जिसे चाहते हैं उसे अपने घेरे में ले भी लेते हैं. इंटरनेट पर तमाम एप्स पड़े हैं जो फोटो से चुटकियों में बैकग्राउण्ड हटा देते हैं. बिना बैकग्राउंड की फोटो से मुण्डी लेकर बदमाश उसे डर्टी पिक्चर में फिट कर अपने काम का सामान तैयार कर लेते हैं. ऐसा वीडियो के साथ भी किया जा सकता है. अपनी ऐसी फोटो-वीडियो देखकर जो डर गयी, समझो मर गयी. उससे पैसे मांगों, वीडियो कॉल पर कपड़े उतारने को कहो, न्यूड फोटो, न्यूड वीडियो मांगो, घर से चोरी करने को कहो, कहीं एकांत में मिलने को कहो, वह सब करेगी. पुलिस बार-बार लोगों से सोशल मीडिया पर सावधान रहने को कह रही है, स्कूल कालेज में सेशन ले रही है, सेल्फ डिफेंस सिखा रही है पर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता. यहां तो मेमना खुद ही चलकर शेर की मांद में जा रहा है. अखबारों में रोज किस्से छप रहे हैं पर रील्स बनाने वालों की संख्या बढ़ती ही चली जा रही है. बॉयफ्रेंड की ऊलजलूल डिमांड पूरा करने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ऐसे तमाम न्यूड फोटोज और वीडियो इंटरनेट पर हैं जिन्हें देखकर कहीं से भी नहीं लगता कि इन्हें जबरदस्ती या छिपकर शूट किया गया है. ऐसे वीडियोज में केवल लड़के ही अपनी पहचान छिपाने की कोशिश करते दिखते हैं. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की तीन लड़कियां पुलिस के पास पहुंचीं. जांच पर पता चला कि उन्हें ब्लैकमेल करने वाला नाबालिग बिहार के पटना में बैठा है. पुलिस उसे उठा लाई. अब वह बाल संप्रेक्षण गृह में है. स्मार्टफोन या लैपटाप मिल जाए तो वह औरों को भी अपना स्किल सिखा सकता है. गिरोह बना सकता है. चोरी छिपे एक अलग दुनिया कथित सभ्य समाज के समानांतर विकसित हो रही है. न तो इसे स्वीकारा जा सकता है और न ही नकारा जा सकता है. मेक इन इंडिया कम से कम इस क्षेत्र में तो सफल होता ही दिखाई देता है.

display pic credit saltwire.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *