1st Millets Library comes up in SSMV Bhilai

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में खुली मिलेट्स की ई-लाइब्रेरी

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय ने मिलेट्स लाइब्रेरी की स्थापना की है. शनिवार को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप ने इसका लोकार्पण किया. इसके साथ ही श्री शंकराचार्य महाविद्यालय मिलेट्स पर काम करने वाला पहला कॉलेज बन गया है. प्राचार्य डॉ अर्चना झा एवं डीन अकादमिक डॉ जे दुर्गाप्रसाद राव ने इस लाइब्रेरी की स्थापना के उद्देश्य के बारे में बताया.
कुलसचिव श्री कुलदीप ने महाविद्यालय के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद अपने स्वास्थ्य को लेकर लोग ज्यादा जागरूक हुए हैं. हर दूसरा आदमी न केवल अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहा है बल्कि बीपी और शुगर को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहा है. महाविद्यालय द्वारा मिलेट्स के बारे में समग्र जानकारी देने का यह प्रयास इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि इससे लोगों को स्वस्थ रहने का एक नायाब तरीका मिल सकता है.


महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने बताया कि लाइब्रेरी में मिलेट्स के विभिन्न प्रकार रखे गए हैं. साथ ही उससे संबंधित सभी जानकारियां को एक पुस्तक के रूप में प्रस्तुत किया गया है. मिलेट्स लाइब्रेरी को भविष्य में बड़ा रूप देने की योजना है. उन्होंने उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे मिलेट्स को अपने भोजन में शामिल करें और उसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें.
महाविद्यालय के डीन डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि मिलेट्स मोटापा या वजन को घटाने में भी मदद करता है. अगर हम प्रतिदिन तीन वक्त के भोजन में इसे शामिल कर लें तो 25 से30% फाइबर प्राप्त हो जती है. शरीर को प्रतिदिन लगभग 38 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है. शेष मात्रा दाल, सब्जी, सलाद, फल, इत्यादि से प्राप्त हो जाता है. उन्होंने बताया कि इस लाइब्रेरी को मूर्त रूप देने में डॉ नीता शर्मा, डॉ राहुल मेने व प्रीति श्रीवास्तव ने अथक प्रयास किये हैं.
उल्लेखनीय है कि कोरोना के दुष्प्रभावों के अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि शरीर में कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स और आवश्यक खनिज पदार्थों की कमी से कमजोरी आई है. मिलेट्स इसे रोकने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने भी वर्ष-2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है. मिलेट्स अर्थात मोटा अनाज जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, झंगोरा, बैरी, कंगनी, कुटकी, कोदो, चेनासामा, जौ, आदि आते हैं. कोरोना के बाद मिलेट्स इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में स्थापित हुए हैं. इन्हें सुपर फूड भी कहा गया है.
मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन-ए और बी, आदि पाए जाते हैं जो न केवल टाइप-वन और टाइप-टू डायबिटीज रोकने में सक्षम है अपितु शरीर की अन्य बीमारियों को भी रोकने में मददगार होते हैं. एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री-रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं वहीं डिटॉक्सिफाई करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मिलेट्स से शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल जाते हैं और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता. सप्लिमेंट की जरूरत खत्म हो जाती है. शरीर अपनी जरूरत के अनुसार पोषक तत्व अवशोषित कर लेता है और शेष को मल के रूप में विसर्जित कर देता है. शरीर के प्रमुख अंग जैसे किडनी लीवर और इम्यून सिस्टम अच्छे से कार्य करते हैं.

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