Quiz Competition in SSSSMV

स्वरूपानंद महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस पर ऑनलाइन क्विज

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग तथा माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट सोसायटी, इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय सूक्ष्मजीव दिवस के अवसर पर ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य सूक्ष्मजीवों की महत्ता के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करना तथा उनके लाभ व दुष्परिणामों से विद्यार्थियों को अवगत कराना है।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. शमा ए बेग विभागाध्यक्ष सूक्ष्मजीवविज्ञान ने कहा कि सूक्ष्मजीव पृथ्वी का आधार है और उनका उपयोग हम विभिन्न विकास कार्यो में कर सकते है, मुख्यतः प्रौद्योगिकी, पारिस्थितिकी तंत्र एवं कृषि के सतत् विकास में उन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन किया, प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा अच्छे अंक अर्जित किए।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा तथा शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मोनिषा शर्मा ने विभाग के द्वारा आयोजित प्रतियोगिता की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से न सिर्फ छात्रों का शैक्षणिक विकास होगा अपितु उनके सामान्य ज्ञानवर्धन में भी उपयोगी होगा जिससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओ में उनको लाभ मिलेगा।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि महाविद्यालय में इस प्रकार के कार्यक्रम कराते रहने चाहिए जिससे छात्रों को किताबों से हटकर भी ज्ञान प्राप्त हो।
प्रश्नमंच प्रतियोगिता में पूछे गये सवाल निम्न है- यूकैरियोटिक कोशिका में गॉल्जीकाय का क्या कार्य है? वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अमोनिया में परिवर्तन करने वाली प्रक्रिया को क्या कहा जाता है, जिससे पौधो को नाइट्रोजन प्राप्त होती है? प्रतियोगिता में सर्वाधिक अंक डॉ. ए. के श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, वनस्पत्ति विज्ञान विभाग, दानवीर तुलाराम महाविद्यालय, उतई तथा प्रेरणा मेहता, सहायक प्राध्यापक, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, जीडी रुंगटा कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भिलाई तथा छात्रों में शैरी जामभूलकर, एमएससी प्रथम सेमेंस्टर, तथा केसर पटेल बीएससी तृतीय वर्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान ने हासिल किया।
कार्यक्रम का मंच संचालन कुमारी अक्षिता पाण्डेय, एमएससी तृतीय सेमेस्टर और कुमारी देविना यादव बीएससी, तृतीय वर्ष, सूक्ष्मजीवविज्ञान ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में स.प्रा. योगिता लोखंडे तथा स.प्रा. समीक्षा मिश्रा, सूक्ष्मजीवविज्ञान का योगदान रहा।

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