शंकराचार्य कालेज के हमर चिन्हारी में सीखा मिट्टी के गहने बनाना
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के कला संकाय द्वारा दस दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स हमर संस्कृति हमर चिन्हारीष् का आयोजन 7 से 16 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इस कार्यशाला के द्वितीय दिवस के प्रथम पाली की प्रशिक्षक, कला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जयश्री वाकणकर ने बच्चों को छत्तीसगढ़ के मिट्टी के गहनों के बारे मे तथा उनको बनाने की विधि के बारे मे बताया गया।
कार्यशाला की द्वितीय पाली के प्रशिक्षक श्री उत्कर्ष श्रीवास्तव उपसंपादक संगवारी छ.ग. एवं उत्सव श्रीवास्तव संपादक संगवारी छ.ग. रहे, जिनके द्वारा छत्त्तीसगढ़ के लोग गीतों मे मुख्यतः जसगीत के बारे मे बताया गया है। जसगीत, देवी की स्तुति या प्रार्थना है। सर्वप्रथम जसगीत के नियमोें के बारे मे बताया गया कि इसे कब और कैसे गाया जाता है, एवं उसके लय और ताल का प्रशिक्षण देते हुये माता के जयकारे के साथ जसगीत का आरंभ किया गया। दोनों प्रशिक्षकों के साथ-साथ बच्चों ने भी उनके सुर मे सुर मिलाते हुए जसगीत गाया गया।
उक्त कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के प्राध्यापक डॉ महेंद्र शर्मा, डॉ आशीष नाथ सिंह, ठाकुर रंजीत सिंह, डॉ. लक्ष्मी वर्मा, डॉ पूर्णिमा तिवारी, मीता चुग, ज्योति मिश्रा, राजकिशोर पटेल, रूबी गुप्ता आदि सम्मिलित थे।