Orthognathic surgery of female patient in Rajnandgaon Dental College

अच्छी खबर : छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ जबड़े का प्रत्यारोपण

राजनांदगांव। चेहरे की खूबसूरती में जितना महत्व आंख, नाक या माथे का है, उतना ही महत्व सुडौल जबड़े का भी है. जबड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अगर इसमें विकार हो तो भोजन में दिक्कत हो सकती है जिसका नकारात्मक प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ सकता है. एक ऐसी ही महिला की सर्जरी छत्तीसगढ़ डेन्टल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में की गई. 28 वर्षीय यह महिला जन्मजात विकृति से ग्रस्त थी जिसके कारण वह लगभग कुपोषित की स्थिति में थी.
महिला की सर्जरी करने वाली टीम के प्रमुख डॉ राजदीप सिंह ने बताया कि जबड़ा न केवल चेहरे को एक सुन्दर आकार देता है बल्कि इसके विकार मुंह खोलने, बातचीत करने और भोजन को चबाने में बाधा बन सकते हैं. जबड़ों की यह विकृति किसी चोट की वजह से भी हो सकती है और जन्मजात भी. दुर्घटना वश या चोट की वजह से आई विकृति का इलाज तो हो जाता है पर जन्मजात विकृतियों वाले अधिकांश लोग इसके साथ जीने की आदत डाल लेते हैं. पर अब ऐसे मरीजों के इलाज की पूरी सुविधा छत्तीसगढ़ डेन्टल कॉलेज में उपलब्ध हो गई है.
उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले के कुसमी निवासी इस 28 वर्षीय महिला को जब सुन्दरा स्थित डेन्टल कालेज अस्पताल लाया गया तो वह गंभीर कुपोषण का भी शिकार थी. इलाज के लिए उन्होंने कई अस्पतालों के चक्कर लगाए पर समस्या बनी रही. जबड़ों की विकृति के कारण वो अपना मुंह नहीं खोल पाती थी और न ही भोजन को ठीक से चबा पाती थी. नीचे और ऊपर की दांतों की पंक्तियां एक-दूसरे पर बैठ नहीं पाती थी. उनके जबड़े को री-अलाइन करना जरूरी था. इसे ऑर्थोग्नैथिक सर्जरी कहा जाता है.
डेन्टल कालेज में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस और थ्री-डी प्रिटिंग की मदद से मरीज के लिए इम्प्लांट तैयार किया गया. इसके बाद डॉ राजदीप के नेतृत्व में डॉ अंशुल दिवाकर, डॉ अंशुल शर्मा, डॉ सुशांत सोनी, डॉ एमी थॉमस, डॉ रजत जैन एवं ईएनटी सर्जन डॉ अश्विनी दिवाकर ने महिला की सर्जरी की. सहायक शल्य चिकित्सक डॉ जिगिशा, डॉ विंध्यवासिनी, डॉ शुभम, डॉ करिश्मा एवं डॉ दिशा ने भी सहयोग किया. मरीज की सर्जरी सफल रही. अब वह न केवल अपना पूरा मुंह खोल पा रही है बल्कि भोजन को चबाना भी उनके लिए सहज हो गया है. यही नहीं अब वह अपने चेहरे की सुन्दरता को भी महसूस कर पा रही है. पहले जहां वो मुंह छिपाती थी वहीं अब खुलकर हंस पा रही है.
डेन्टल कॉलेज की डीन डॉ हेमा सूर्यवंशी, संस्था के चेयरमैन नेमीचन्द पारख व सचिव संजय गोलछा ने डाक्टरों को टीम को बधाई दी है.

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