अंतरिक्ष दिवस पर एमजे कालेज के विद्यार्थियों को कराई रहस्यमयी दुनिया की सैर
भिलाई। एमजे कालेज में आज अंतरिक्ष दिवस का आयोजन किया गया. 23 अगस्त को पिछले साल ही राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया था. इसरो के ऐतिहासिक चंद्रयान -3 की चंद्रमा पर लैंडिंग को आज पूरे एक साल हो गए. इस अवसर पर प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने विद्यार्थियों सहित सहायक प्राध्यापकों एवं व्याख्याताओं को भी अंतरिक्ष की रोमांचकारी दुनिया की सैर कराई.
नेबुला या आकाशीय निहारिका के विषय में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ये अंतरतारकीय माध्यम में स्थित ऐसे अंतरतारकीय बादल को कहते हैं जिसमें धूल, हाइड्रोजन गैस, हीलियम गैस और अन्य आयनीकृत प्लाज़्मा गैसें उपस्थित हों. उन्होंने नेबुला के घटते-बढ़ते आकार को समझाते हुए तारों के जन्म का भी रोचक वर्णन किया.
उन्होंने बताया कि निहारिकाओं में तारे और ग्रहीय मण्डल जन्म लेते हैं, जैसे कि चील नीहारिका में देखा गया है. यह नीहारिका नासा द्वारा खींचे गए “पिलर्स ऑफ़ क्रियेशन” अर्थात् “सृष्टि के स्तम्भ” नामक अति-प्रसिद्ध है. इन क्षेत्रों में गैस, धूल और अन्य सामग्री की संरचनाएं परस्पर “एक साथ जुड़कर” बड़े ढेरों की रचना करती हैं, जो अन्य पदार्थों को आकर्षित करता है एवं क्रमशः सितारों का गठन करने योग्य पर्याप्त बड़ा आकार ले लेता हैं. माना जाता है कि शेष सामग्री ग्रहों एवं ग्रह प्रणाली की अन्य वस्तुओं का गठन करती है.
इस अवसर पर विज्ञान संकाय के व्याख्याताओं एवं सहायक प्राध्यापकों के साथ ही बीएससी और एमएससी के विद्यार्थियों ने भी विज्ञान की रोचक जानकारियां साझा की. इस अवसर पर उप प्राचार्य डॉ श्वेता भाटिया, डॉ तृषा शर्मा, डॉ जेपी कन्नौजे, विज्ञान संकाय की सलोनी बासु, प्रेमशंकर, देवश्री चन्द्राकर, रिया नायडू, रेणुका वर्मा, सृष्टि आरेकर, मेघा सोम, ऋचा अग्रवाल, अनुप एवं आलोक आदि उपस्थित रहे. संचालन रीना पटेल ने किया.