Suicide prevention day observed at MJ College

संबंधों को जीवंत बनाए रखने करें मोबाइल उपवास : डॉ अनिल चौबे

भिलाई। आज लगभग सभी लोग आभासी दुनिया (वर्चुअल वर्ल्ड) के मोहपाश में फंस गए हैं. इसके कारण वास्तविक संबंध हाशिए पर चले गए हैं. तमाम मानसिक समस्याएं इसी अकेलेपन की देन हैं. इसलिए हमें दिन के कुछ घंटे मोबाइल उपवास के निर्धारित करने चाहिए. उक्त बातें एमजे समूह के सहायक निदेशक एवं एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे ने आज व्यक्त किये. वे एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि आज परिवार के चार लोग साथ-साथ बैठे होने पर भी अपने-अपने फोन में उलझे रहते हैं. उन्हें पता ही नहीं चलता कि उनके परिवार के और लोगों के जीवन में क्या चल रहा है. यदि आपसी संबंधों को जीवंत रखें तो अनेक समस्याओं को समय रहते पहचान कर उन्हें दूर किया जा सकता है.


इससे पूर्व नर्सिंग कालेज की प्राचार्य डॉ पुष्पलता देशमुख ने विद्यार्थियों को इस आयोजन के लिये बधाई देते हुए कहा कि मानसिक समस्याओं पर बातें करना ही इनके समाधान की दिशा में पहला कदम है. भारत में लगातार बढ़ते जा रहे आत्महत्या के मामलों और इसमें युवाओं की संख्या पर उन्होंने चिंता जताई.
इस अवसर पर छात्राओं के लिए एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. दीपिका भूआर्य, अर्चना कुमारी तथा हुलसी साहू को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार देने की घोषणा की गई. छात्राओं ने इस अवसर पर एक नाटक का भी मंचन किया जिसमें दिखाया गया कि किस तरह वे अपनी एक तनाव और अवसाद से ग्रस्त सहपाठिनी की मदद करते हैं. नाटक के दूसरे दृश्य में एक छात्रा के द्वारा आत्महत्या की कोशिश पर छात्राओं द्वारा एकजुट होकर उसका साथ देने का संदेश दिया गया. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर छात्राओं ने यह लिया कि वे अपने परिजनों, सहपाठियों और सहकर्मियों का ध्यान रखेंगी और उन्हें उनकी परेशानी के साथ अकेला नहीं छोड़ेंगे. नाटक में सूत्रधार की भूमिका आफिया अहमद ने निभाई. अन्य भूमिकाओं में प्रीति, दिव्या, मोहनी, यामिनी, पूर्वी, टिकेश्वरी, जयंती, नेहा, टुकेश्वरी तथा संजना नजर आईं. इस नाटक को सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने लिखा एवं निर्देशित किया.

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