Hybrid surgery at Hitek to reduce treatment cost

हाइटेक में इलाज का खर्च कम करने महिला की हाइब्रिड सर्जरी

भिलाई. हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में इलाज का खर्च कम करने आर्थिक रूप से कमजोर एक महिला की आंतों की सर्जरी हाइब्रिड तकनीक से की गई. इससे एक तरफ जहां इलाज का खर्च 60 से 80 हजार रुपए तक कम हो गया वही बहुत छोटा चीरा लगाना पड़ा. चार दिन में महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
हाइटेक के लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ नवील कुमार शर्मा ने बताया कि मिनिमली इंवेसिव पद्धति का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है. संक्रमण की संभावना बहुत कम होती है और रक्तस्राव भी न के बराबर होता है. मरीज को 2-3 दिन में छुट्टी दे दी जाती है. पर इसमें स्टेपलर का उपयोग किया जाता है जो काफी महंगा होता है. 42 वर्षीय इस महिला मरीज की आर्थिक स्थिति को देखते हुए हमने हाइब्रिड सर्जरी का फैसला किया. हमने इससे पहले भी पांच-छह सर्जरी इस तकनीक से की है.
डॉ शर्मा ने बताया कि लगभग 10 साल पहले महिला को रेडिएशन थेरेपी दी गई थी. पिछले कुछ समय से उसे पेट की तकलीफ थी. पहले लैप्रोस्कोप से आंत के उस हिस्से का पता लगाया गया जहां स्ट्रिक्चर्स थे. इसके बाद मरीज के उदर में सिर्फ 2 सेमी का एक चीरा लगाया गया. आंत के रोगी हिस्से को यहां से बाहर लेकर सर्जरी की गई. फिर आंत को अंदर सरका कर चीरे को बंद कर दिया गया. चार दिन में मरीज की छुट्टी कर दी गई. हाइब्रिड तकनी के उपयोग से मरीज को मिनिमली इंवेसिव तकनीक का पूरा फायदा मिल गया और इलाज का खर्च भी काफी कम हो गया.

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