नेक कार्यों का प्रतिफल हमेशा लौट कर आता है – डॉ विरुलकर
भिलाई। नेक कार्यों का फल हमेशा मीठा होता है. हो सकता है कि यह तत्काल न मिले पर एक न एक दिन वह लौट कर जरूर आता है. एक शिक्षक के जीवन में इसका बड़ा महत्व है और यही उसका सबसे बड़ा पुरस्कार भी होता है. उक्त बातें एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने आज महाविद्यालय में आयोजित फ्रेशर पार्टी में कहीं.
डॉ विरुलकर ने एक कहानी सुनाई. उन्होंने कहा कि एक गरीब परिवार का युवक उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिक्षक बनता है. कुछ समय नौकरी करने के बाद वह एक बाइक खरीदता है. बाइक का उपयोग वह लोगों की मदद करने के लिए करता है. कभी किसी को अस्पताल ले जाना है, किसी को कहीं से लाना या ले जाना है, वह हमेशा मदद के लिए तत्पर रहता है. एक दिन वह एक बुजुर्ग को लिफ्टे देता है. वह रास्ते में चाकू अड़ाकर उसकी बाइक और रुपये पैसे छीन लेता है.
डॉ विरुलकर ने बताया कि इस घटना से युवक दुखी हो जाता है. पर दो दिन बाद उसे मोटर साइकिल अपने घर के बाहर खड़ी मिलती है. उसके साथ एक नोट भी था. उसमें लिखा था कि जहां भी जाता लोग कहते कि यह तो मास्साब की बाइक है. जब मुझे आपकी भलमनसाहत का पता लगा तो मैं आत्मग्लानि से भर गया. इसलिए आपकी बाइक लौटा रहा हूँ.
इससे पहले सहायक निदेशक एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने कहा कि छात्र जीवन में मिलने वाले सभी अवसरों का उपयोग करना चाहिए. क्या पता कब कहां से एक नई पारी शुरू हो जाए. साथ ही विद्यार्थियों से कहा कि यदि आप मंच पर हैं तो अच्छी बात है. अगर आप दर्शक दीर्घा में भी हैं तो आपको मंच पर आने वाले बच्चों का हौसला बढ़ाना चाहिए. इससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों से जारी युवा महोत्सव की क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया.
सीनियर विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की मदद से फर्स्ट सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए यह आयोजन किया था. इस दौरान विभिन्न गेम्स का आयोजन किया गया. फ्रेशर बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया.
इस अवसर पर उप प्राचार्य डॉ श्वेता भाटिया, नर्सिंग कालेज की प्राचार्य डॉ पुष्पलता देशमुख, फार्मेसी कालेज के प्राचार्य राहुल सिंह के अलावा सभी शिक्षण विभागों के अध्यक्ष उपस्थित थे.