कौरवों के भोग विलास और पाण्डवों के संघर्ष को समझें – डॉ विरुलकर
भिलाई। कौरवों ने हमेशा गलत का साथ दिया. उन्होंने न केवल पाण्डवों को परेशान किया बल्कि भरी सभा में स्त्री को अपमानित करने का दुस्साहस भी किया. छल से उन्होंने पाण्डवों का राज्य भी हड़प लिया. वे स्वयं राजमहल में रहते रहे और पाण्डवों को अज्ञातवास काटना पड़ा. पर यह सब क्षणिक था. जब पाण्डवों की बारी आई तो कौरव वंश का नाश हो गया. उक्त उद्गार एमजे ग्रुव की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने व्यक्त किये.
डॉ विरुलकर एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के फ्रेशर एवं फेयरवेल पार्टी को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि महाभारत से हमें यह सीख मिलती है कि छल-कपट से मिली सफलता कभी भी स्थायी नहीं होती. अंततः जीत सत्य और पुरुषार्थ की होती है. यह आज भी प्रासंगिक है. इसलिए हमें सिर्फ अपने ज्ञान, कौशल एवं पुरुषार्थ पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब भी हम कोई गलात कार्य करते हैं तो हमारा अंतर्मन हमें टोकता जरूर है. इसे अनसुना न करें. वही करने का प्रयास करें जो सबके हित में हो.
एमजे कालेज फार्मेसी के प्राचार्य राहुल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रत्येक असफलता सफलता की ओर आगे बढ़ने की एक सीढ़ी होती है. केन्टकी फ्राइड चिकन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले कर्नल सैंडर्स ने कई उपक्रम प्रारंभ किये पर असफल रहे. पर उन्होंने कोशिश करना नहीं छोड़ा. अंत में उनका प्रयास रंग लाया और आज उनका ब्रांड दुनिया भर में श्रेष्ठ चिकन के लिए जाना जाता है.
इससे पहले एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ पुष्पलता देशमुख ने विद्यार्थियों को संबोधित किया. फ्रेशर बैच का स्वागत करने के साथ ही उन्होंने आउटगोइंग बैच को अपनी शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि नर्सिंग का क्षेत्र सेवा और समर्पण का है. उन्होंने विद्यार्थियों से खूब मेहनत कर अपने परिवार और संस्थान को गौरवान्वित करने का संदेश दिया.
इस अवसर पर एमजे कालेज की उप प्राचार्य डॉ श्वेता भाटिया के अलावा नर्सिंग महाविद्यालय के प्राध्यापक, व्याख्याता एवं इंस्ट्रक्टर्स के अलावा प्रशिक्षु नर्सें बड़ी संख्या में मौजूद थीं. प्रशिक्षु नर्सों ने इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां भी दीं.