Patent with acute prostatitis came complaining of hydrosils

बढ़े हुए अंडकोष के साथ पहुंचा मरीज, किडनी भी थी खतरे में

भिलाई. 60 वर्षीय एक पुरुष बढ़े हुए अंडकोष की समस्या लेकर हाइटेक हॉस्पिटल पहुंचा. स्थिति इतनी दर्दनाक थी कि वह कपड़े भी नहीं पहन पा रहा था. यह स्थिति अचानक उत्पन्न हुई थी. उसे पेशाब करने में भी दिक्कत हो रही थी और पेट फूल रहा था. जांच करने पर मरीज को एक्यूट प्रोस्टेटाइटिस से ग्रसित पाया गया.
यूरोलॉजिस्ट डॉ नवीन कुमार वैष्णव ने बताया कि मरीज के आरंभिक लक्षण तीव्र संक्रमण के थे. उनकी किडनी, यूरेटर, ब्लैडर और अंडकोष की अल्ट्रा सोनोग्राफी जांच की गई. जांच के परिणाम चिंतित करने वाले थे. उनकी किडनी में सूजन थी, अंडकोष में पस जमा था. उनकी प्रोस्टेंट ग्रंथि काफी बढ़ी हुई थी. मरीज को रह-रहकर तेज बुखार आ रहा था जो संक्रमण का परिणाम था.
डॉ वैष्णव ने बताया कि समस्या के मूल में प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन थी. ऐसा बैक्टीरियल संक्रमण के कारण हो सकता है. यूरिन कल्चर कर उसके आधार पर एंटीबायोटिक शुरू किया गया. सूजन को कम करने की दवाइयां प्रारंभ की गईं. ब्लैडर को खाली करने के भी उपाय किये गये. प्रोस्टेट के बढ़ जाने को प्रोस्टैटोमेगाली कहते हैं. इसका भी प्रबंधन किया गया.
इलाज शुरू होने के एक दिन बाद ही मूत्र विसर्जन सामान्य ढंग से होने लगा. किडनियों पर दबाव कम होने से वे भी स्वाभाविक अवस्था में लौट आए. मरीज को पूरी तरह ठीक होने में चार से छह सप्ताह लगेंगे. छह सप्ताह के बाद मरीज को पुनः जांच के लिए बुलाया गया है.
डॉ वैष्णव ने बताया कि इस स्थिति में तेजी से सुधार लाने के लिए मरीज को दवाइयों के साथ ही पर्याप्त पानी पीने और अंडकोषों को सपोर्ट करने वाले वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है.

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