Indian knowledge system can address present scenario

उन्नति के लिए विद्यार्थी भारतीय ज्ञान परम्परा को अपनाएं – विधायक

दुर्ग. संस्कार का विद्यार्थी जीवन में अत्यंत महत्व है. संस्कारित होने पर सफलता हर स्थान पर प्राप्त होती है, जो कि विद्यार्थियों की दिशा व दशा का निर्धारण करता है. भारतीय ज्ञान परंपरा का आत्मसात कर विद्यार्थी उन्नति की ओर अग्रसर हो सकता हे. उक्त बातें शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के दीक्षारंभ समारोह के मुख्य अतिथि दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव ने कहीं.
श्री यादव ने कहा कि देश में उपस्थित प्रचुर संसाधनों का उचित उपयोग व दोहन की जानकारी आज के छात्रों को नहीं है. इस समारोह के माध्यम से नव प्रवेशित छात्रों को इस योजना की संपूर्ण जानकारी छात्रों को दी गयी. कौशल विकास के माध्यम से स्व-रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
विशिष्ट अतिथि जन भागीदारी अध्यक्ष शिवेन्द्र सिंह परिहार ने नव प्रवेशित छात्रों को प्रदेश के अग्रणी महाविद्यालय में प्रवेश हेतु बधाई देने के साथ कहा कि विद्यार्थी स्वयं के प्रति आस्था का श्रध्दा रखकर पूर्ण ईमानदारी से कार्य करें, उन्हें सफलता अवश्य हासिल होगी.
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अजय सिंह ने बताया कि दीक्षारंभ केवल औपचारिक परिचय न होकर नैतिकता व व्यवहारिकता का प्रारंभ है. भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित शिक्षा पद्धति का उद्देश्य नवाचार को आत्मसात करना है.
दो चरणों में आयोजित इस दीक्षारंभ समारोह में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जुड़े विभिन्न बिंदुओं जैसे विभिन्न कोर्सेस, जेनेरिक तथा वैल्यू एडेड कोर्स, क्रेडिट प्रणाली, आतंरिक मूल्यांकन परीक्षा, ग्रेड सिस्टम आदि की जानकारी महाविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ. प्रज्ञा कुलकर्णी ने दी. उन्होंने नव प्रवेशित छात्रों को महाविद्यालय का परिचय देते हुए उन्हें एनईपी योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की कि किस प्रकार विज्ञान संकाय के विद्यार्थी कला संकाय के विषय का चयन कर सकता है.
छात्रों के शंका का समाधान डाॅ. जगजीत कौर सलूजा महाविद्यालय के एनईपी प्रभारी के द्वारा किया गया, उन्होंने बताया कि एनईपी छात्रहित को ध्यान में रखकर बनाया गया जो कि उनके उज्जवल भविष्य का आधार बनेगी.
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. ज्योति धारकर ने किया व धन्यवाद ज्ञापन प्रो. डाॅ. ए.के. खान ने किया. इस समारोह में उपस्थित प्रत्येक नवप्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत भारतीय परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर किया गया साथ ही एनईपी के प्रचार प्रसार हेतु नियुक्त एनईपी एम्बेसेडर को मुख्य अतिथि गजेन्द्र यादव ने बैच पहनाकर सम्मानित किया.
इस कार्यक्रम में शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के साथ संगीत महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. ऋचा ठाकुर भी उपस्थित थी. संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों का भी दीक्षारंभ इसी कार्यक्रम में किया गया.
यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राध्यापक व विद्यार्थियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ.

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