ऐ री चिडिय़ा तू क्यों उदास है!

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में World Sparrow Day पर कार्यक्रम
world-sparrow-dayभिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी, भिलाई में गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं द्वारा विश्व गौरैया दिवस World Sparrow Day पर एक रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व में कम होती गौरैया की संख्या एवं उनके अस्तित्व गहराये संकट पर एक विचार विमर्श का कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों द्वारा गौरैया के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए उनके द्वारा किये गये उपक्रम एवं अपने घरों में गौरैया को फिर से वापस बुलाने हेतु किये जा रहें प्रयासों का उल्लेख किया गया। इस कार्यक्रम में गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों ने दोना को सजाया और विभिन्न तरीकों के खाद्य पदार्थों से भरकर पक्षियों के लिए तैयार किया, वहीं छात्रों द्वारा दोना में पानी भरकर विभिन्न मंत्रो द्वारा पक्षियों का आह्वाहन किया गया। इन तैयार किये गये दोना रूपी कटोरियों को महाविद्यालय के छज्जों पर जगह-जगह रखा गया और समय-समय पर इन कटोरियों में ठंडे पानी की व्यवस्था की गई वहीं प्राध्यापकों द्वारा गौरैया को बचाने के लिए आवश्यक कार्यो की रूप-रेखा तैयार कर चर्चा की गयी।
गौरैया के अस्तित्व पर डॉ. रजत कुमार जैन द्वारा रचित कविता का गोकुल प्रसाद साहू द्वारा कविता पाठ किया गया। जिसकी पंक्तियाँ इस प्रकार थीं –
‘चिडिया तू क्यों उदास है!, तेरे अस्तित्व की जो प्यास है।
मैं समझता हूँ, दु:ख तेरा चिडिय़ा रानी
मनुज हमेशा करता आया अपनी मनमानी
देर बड़ी पर समझ आया है इसे तेरा जाना
अपने ही आंगन से तेरा यूँ तेरा छिन जाना
तेरे बिन अब न आता कोई मौसम रास है
चिडिय़ा तू क्यों उदास है, गौरैया तू क्यों उदास है।’
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह द्वारा ‘मेरे आंगन में आओंÓ पंक्तियों के द्वारा आयोजन को सफल एवं सार्थक बनाने का प्रत्येक से अनुरोध किया इस अनुरोध में महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव का भी योगदान रहा। गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों में श्री तोरण देवांगन, पवन साहू, जीवन देवांगन, विवेक, मनमोहन चैहान, सतीश, के. रामू, राजकुमार वर्मा आदि ने अपना योगदान दिया।

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