बाघ शावक को मिला चेंदरू का नाम, पिता ने पीएम संग खिंचवाई थी फोटो

रायपुर। जंगल सफारी में छह महीने पहले जन्में बाघ के तीन शावकों का नामकरण किया है। अब ये कान्हा, चेंदरू और बिजली के नाम से जाने जाएंगे। मंगलवार को जंगल सफारी पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इनका नामकरण किया। तीनों शावक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आंख मिलाने वाले बाघ शिवाजी के हैं। इस मुद्दे को 16 नवंबर को नईदुनिया ने प्रमुखता से उठाया था।रायपुर। जंगल सफारी में छह महीने पहले जन्में बाघ के तीन शावकों का नामकरण किया है। अब ये कान्हा, चेंदरू और बिजली के नाम से जाने जाएंगे। मंगलवार को जंगल सफारी पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इनका नामकरण किया। तीनों शावक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आंख मिलाने वाले बाघ शिवाजी के हैं। जन्म से ठीक 12 दिन बाद सीएम की मौजूदगी में उनका नामकरण किया गया। जंगल सफारी में सिंह (लायन) के तीन शावकों के नाम रखे जाने बाकी है।मुख्यमंत्री ने तीनों शावकों के नामकरण के बाद कहा कि शावक स्वस्थ और मजबूत हैं इसलिए इन्हें कान्हा और चेंदरू नाम दिए। चेंदरू बस्तर की पहचान है और कान्हा नाम इसलिए रखा गया, क्योंकि वो देखने में थोड़ा मजबूत शरीर का है। वहीं मादा शावक ज्यादा फुर्तीली है, इसलिए उसका नाम बिजली रखा गया। 800 एकड़ में बने जंगल सफारी में अब शावक भी दहाड़ेंगे। 7 बाघ और सिंह के बाद 6 शावकों से इनकी संख्या बढ़ी है। अब पर्यटकों की दिलचस्पी और बढ़ेगी।
छत्तीसगढ़ का मोगली चेंदरू
चेंदरू मंडावी प्रदेश में ऐसा नाम है, जिसे अबूझमाड़ के जंगल का मोगली भी कहा जाता है। 60 के दशक में चेंदरू को लेकर ‘द जंगल सागा नाम की अंग्रेजी डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी। इसमें चेंदरू ने शेर के साथ जीवंत भूमिका निभाई थी।
नारायणपुर के गढ़बेंगाल के घने जंगलों में एक शेर के साथ चेंदरू ने कई साल साथ-साथ बिताया था। पूरे गांव में यह बड़ा आश्चर्य का विषय था। 18 सितंबर 2013 को चेंदरू मंडावी ने अंतिम सांस ली। टाइगर बॉय की याद को संजोए रखने के लिए उसकी प्रतिमा जंगल सफारी में स्थापित की गई है।

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