हनुमानजी पर चोला चढ़ाने की बजाय उनका अनुसरण करे-मां मंदाकिनी

हनुमानजी पर चोला चढ़ाने की बजाय उनका अनुसरण करे-मां मंदाकिनी भिलाई। श्रीराम किंकर शिष्य परिवार भिलाई -दुर्ग द्वारा आयोजित रामकथा से पूर्व कथाकार मां मंदाकिनी श्रीराम किंकर ने कहा कि, प्रभु के अवतरण काल में घटित लीलाक्रम, चाहे किसी काल या स्थान विशेष में सम्पन्न हुई हो, उन समस्त जानकारियों का केवल वर्णन करना 'कथा' का उद्देश्य नहीं है। जिसे हम बोलचाल में रामकथा कहते है वस्तुत: वह ज्ञान यज्ञ है। हनुमान जी को सिर्फ चोला चढ़ाने की बजाय उनके चरित्र का अनुसरण करना चाहिए।भिलाई। श्रीराम किंकर शिष्य परिवार भिलाई -दुर्ग द्वारा आयोजित रामकथा से पूर्व कथाकार मां मंदाकिनी श्रीराम किंकर ने कहा कि, प्रभु के अवतरण काल में घटित लीलाक्रम, चाहे किसी काल या स्थान विशेष में सम्पन्न हुई हो, उन समस्त जानकारियों का केवल वर्णन करना ‘कथा’ का उद्देश्य नहीं है। जिसे हम बोलचाल में रामकथा कहते है वस्तुत: वह ज्ञान यज्ञ है। हनुमानजी को सिर्फ चोला चढ़ाने की बजाय उनके चरित्र का अनुसरण करना चाहिए। आज भारत को हैप्पीनेक्स इंडेक्स ने 137वां स्थान दिया है क्योंकि हमारी आध्यात्मिकता पर परत चढ़ती जा रही है। सकारात्मकता खत्म होने के साथ नाकारात्मकता प्रभावी होती जा रही है। युगतुलसी महाराज पद्म भूषण श्री राम किंकर जी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी मां मंदाकिनी नासा की वैज्ञानिक रह चुकी है। अपने अद्भूत रामकथा वाचन से देश विदेश में ख्याति प्राप्त कर चुकी कथाकार मां मंदाकिनी ने कहा कि सफल होने के लिए प्रतिस्पर्धा और संघर्ष से व्यक्ति आत्म केन्द्रित हो गया है। मानसिक बौद्धिक सोच में दरिद्रता आ गई है। इन सब का समाधन हमारे धर्म ग्रंथों में है। हमारा मानना है भारत सिर्फ भूखंड नहीं बल्कि हमारी माता है। रामायण हमारा सदगुरू है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *