श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय में भूटान के स्काउट-गाइड का विजिट

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में भारत स्काउट गाइड जम्बूरी कैम्प में भाग ले रहे भूटान से आए विद्यार्थियों को भारत की संस्कृति एवं विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्काउट गाइड के मुख्य आयुक्त श्री गजेन्द्र यादव एवं छत्तीसगढ़ स्काउट गाइड राज्य आयुक्त डॉ. रक्षा सिंह के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में भारत स्काउट गाइड जम्बूरी कैम्प में भाग ले रहे भूटान से आए विद्यार्थियों को भारत की संस्कृति एवं विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ स्काउट गाइड के मुख्य आयुक्त श्री गजेन्द्र यादव एवं छत्तीसगढ़ स्काउट गाइड राज्य आयुक्त डॉ. रक्षा सिंह के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ। श्री गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष श्री आई.पी. मिश्रा ने भूटान से आए सभी स्काउट्स के शिविरार्थियों को आर्शीवचन के साथ-साथ मिष्ठान वितरित किया। भूटान से आए स्काउट प्रशिक्षकों ने भी स्काउट स्कार्फ बांधकर श्री आई.पी. मिश्रा जी का स्वागत किया।इस समय कार्यक्रम में डॉ. आर.पी. अग्रवाल, भूटान स्काउट प्रशिक्षक श्री ताशी वेंगचुक, श्री वानेदुबा, श्री ताशी पिनोर, और संग्येहैम्पा विशेष रूप से उपस्थित थे। जिनका स्वागत महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव एवं प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. नंदितेश निलय के द्वारा अभिप्रेरणात्मक व्याख्यान दिया गया। जिसमें उन्होंने नाम की महत्ता बताई और कहा कि नाम केवल पुकारने की चीज नहीं है, आपके कर्मों की समीक्षा नाम से होती है, पद और शोहरत तो ले ली जाती है, जोश और हिम्मत शरीर के थकने के साथ खत्म हो जाएगी लेकिन नाम रह जाएगा। इस दुनिया में सभी मुश्किल काम आसान है और सभी आसान कार्य मुश्किल है। जैसे सुबह उठकर पढऩा, योग करना, दौडऩा आसान है लेकिन हमने इसे मुश्किल कर दिया है। टांग खिचना, शिकायत करना मुश्किल है लेकिन आसान हो गया है। जिंदगी के सबसे आसान कार्य को आसानी से कीजिए अगर शरीर स्वस्थ है तो सभी कार्य सुचारू रूप से चल पाएंगे। सुबह उठकर पढऩा सभी उम्र के लोगों के लिए आवश्यक है जो हमें जीवन का उद्देश्य प्रदान करता है। इसके अलावा जीवन में सकारात्मकता का विकास कैसे किया जाए इस पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
भूटान से आए सभी विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से परिचय कराने हेतु उनका स्वागत तिलक लगाकर एवं आरती उतारकर किया गया। इन विद्यार्थियों को अनुशासन का महत्व बताते हुए प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को सदैव कर्तव्य पालन हेतु तत्पर रहना चाहिए। इन्हें अपने देश के प्रति कर्तव्यों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने विद्यार्थियों को जीवन में सदैव आगे बढऩे की प्रेरणा दी।
भूटान से आए विद्यार्थी महाविद्यालय परिसर की सुंदरता को देखकर अभिभूत हो गये। वे महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह से पूर्व में ही परिचित होने के कारण वे उनके कायल हो गये। उनकी विनम्रता से अभिभूत होकर विद्यार्थी उनके विषय में अनेकानेक बातें महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों को बता रहे थे। जैसे – वे कैसे विद्यार्थियों के मध्य सम्मिलित होकर उन्हें विभिन्न पकवानों के नाम से परिचित कराती हैं, उनके वार्तालाप का तरीका तथा सदैव हंसते रहने के कारण वह विद्यार्थियों के मध्य अपने एक खास मुकाम रखती हैं।
छत्तीसगढ़ की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों ने यहां एक बार फिर आने की इच्छा प्रकट की। यहां के लोगों के द्वारा दिए जाने वाला आदर उन्हें बहुत अच्छा लगा तथा समस्या होने पर यहां के लोगों के द्वारा आगे बढ़कर मदद करना उन्हें बहुत अधिक भाया।
भूटानी छात्रा सोनम यांगचेन ने बताया कि भूटान और भारत के विद्यार्थियों में सबसे बड़ी समानता सहयोगात्मक रवैया है। लेकिन दोनों की संस्कृति अलग-अलग है। भूटानवासी हमेशा मुंह पर हाथ रखकर बात करते हैं, उनका रहन-सहन और पहनावा बहुत अलग हैै। टी. शैली ने बताया कि वहां कभी भी लिंग भेद नहीं किया जाता है। वहां स्काउट एंड गाइड न कहकर केवल स्काउट्स बुलाया जाता है और वे चाहें तो सारी जिंदगी स्काउर्टस बने रह सकते हैं। उन्होंने भारतीय महिलाओं के पहनावे और भारतीय रीति-रिवाज से विवाह की विशेष प्रशंसा की। सूरज ने बताया कि उन्हें यहां पर बहुत अच्छा लग रहा है और स्टेशन में लिफ्ट पहली बार देखा। भूटान और भारत का तापमान लगभग एक समान बताया।
भूटान से आए विद्यार्थी महाविद्यालय परिसर में होली खेलने इच्छुक थे। उन्हें यहां का खाना बहुत पसंद आया। महाविद्यालय में विद्यार्थियों के द्वारा एकांकी का प्रदर्शन किया गया। जिसमें भूटानी स्काउटर्स भी बराबरी से सम्मिलित हुए एवं उसका आनंद उठाया। इसके पश्चात भूटानी स्काउटर्स प्रशिक्षकों के द्वारा एक छोटी सी गतिविधि करायी गयी जिसमें भारतीय स्काउटर्स सम्मिलित हुए। इस प्रकार संस्कृति का आदान प्रदान किया गया। अंत में महाविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों को महाविद्यालयीन पुस्तिका भेंट की गयी। कार्यक्रम का समापन भारत और भूटान दोनों राष्ट्र के राष्ट्रगीत से किया गया। महाविद्यालय परिसर से विदा करने के पश्चात इन स्काउटर्स को अक्षय पात्र एवं मैत्रीबाग का भ्रमण, पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस विभाग की कार्यशैली से परिचय करायेंगे। अंत में श्री दिलीप मारूती के घर से होते हुए उन्हें जम्बूरी कैम्प सोमनी ले जाया जाएगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक गण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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