Maa Adyapeeth Temple is not only an architectural beauty but also brings together relions

सर्वधर्म समभाव को दर्शाती है दक्षिणेश्वर की आदिशक्ति आद्यापीठ

आद्यपीठ या आद्यापीठ (Adyapeath) पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के दक्षिणेश्वर में स्थित है। यह मंदिर माँ काली और स्वामी विवेकानंद जी के आध्यात्मिक गुरू श्री रामकृष्ण परमहंस को समर्पित है। सफेद संगमरमर के एक ही ढांचे में यहां तीन मंदिर हैं जो हिंदू, ईसाई, इस्लाम और बौद्ध धर्म की एकता को दर्शाते हैं। यह रामकृष्ण मिशन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है।

इस मंदिर की स्थापना सन् 1915 में अन्नदा चरण भट्टाचार्य के अनुयायियों ने की थी। श्री भट्टाचार्य रामकृष्ण और माँ काली के अनन्य भक्त थे। श्री रामकृष्ण के बारे में कहा जात है कि वे मां काली को आवाज देते थे तो वे न केवल सुनती थीं बल्कि दौड़ी चली आती थीं। श्री रामकृष्ण ठीक उसी तरह अपने हाथों से मां काली को भोजन कराते थे जैसे कोई पिता अपनी पुत्री को भोजन कराता है।

इस मंदिर का स्थापत्य भी अद्भुत है। सफेद संगमरमर से बना, इसमें तीन मंदिर एक-दूसरे से इस कदर जुड़े हुए हैं कि एक सीढ़ी की तरह दिखाई देते हैं। यहां सभी धर्मों के प्रतीक हैं जो धार्मिक सौहार्द्र का प्रतीक माने जाते हैं। मुख्य वेदी पर रामकृष्ण, आद्या माँ और ॐ के भीतर राधा-कृष्ण की प्रतिमाएं हैं। यह माँ काली के एक दिव्य रूप “आद्य माँ” को समर्पित है और रामकृष्ण परमहंस से जुड़ा एक शक्तिशाली उपासना स्थल है।

मंदिर के शिखर पर शिव का त्रिशूल, चांद-तारा, क्रॉस और पंखे जैसे विभिन्न धर्मों के प्रतीक हैं, जो मानवता के एक लक्ष्य (ईश्वर की अनुभूति) की ओर इशारा करते हैं।

अन्य दर्शनीय स्थल : इस मंदिर के पास ही प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर कालीमंदिर है। साथ ही यहां श्रीरामकृष्ण एवं स्वामी विवेकानन्द से जुड़ी स्मृतियों को भी देखा जा सकता है। कोलकाता से यहां आने के लिए हुगली नदी को सामान्य नौका या मोटर बोट से भी पार किया जा सकता है। यह शहरी पर्यटकों के लिए एक रोमांचक यात्रा हो सकती है।

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