छत्तीसगढ़ियापन पर छलका नगीन तनवीर का दर्द
मध्यभारत के प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर की पुत्री नगीन तनवीर को छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी से गहरा लगाव है. वे बासी और अंगाकर रोटी की मुरीद हैं. उनके पिता के साथ … Read More
मध्यभारत के प्रसिद्ध रंगकर्मी हबीब तनवीर की पुत्री नगीन तनवीर को छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ी से गहरा लगाव है. वे बासी और अंगाकर रोटी की मुरीद हैं. उनके पिता के साथ … Read More
माना कि राजनीति में बतौलेबाजी का बड़ा महत्व है. बातों से ही माहौल बनता बिगड़ता है. लोग बातों में उलझे रह जाते हैं और नेता चुपके से उनकी जेब काट … Read More
जरूरी नहीं कि संतुष्टि केवल महंगी चीजों से मिले, कभी-कभी पोहा-जलेबी भी वह मजा दे जाती है जो सैंडविच और जूस नहीं दे पाते. शादी में एक रिश्तेदार मिले. चार … Read More
“चिकनी चमेली, छुप कर अकेली, पव्वा चढ़ाके आई” की धुन पर दोनों हाथों से पेग चुसकती लड़कियों को देखना हो तो आपका नवधनाढ्य आधुनिक हिन्दू समाज की शादियों में स्वागत … Read More
देश सिस्टम से चलता है. सिस्टम सर्टिफिकेट की बांदी है. इसलिए सारी काबीलियत एक तरफ और सर्टिफाइड प्रफेशनल एक तरफ. कभी सुअर की किडनी लगाकर मरीज को चंगा करने वाला … Read More
कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी गुणी क्यों न हो, हमेशा सुर्खियों में नहीं बना रह सकता. एक न एक दिन उसे नेपथ्य में जाना ही होता है. कभी … Read More
शराब दुकान के बारे में यह कहा जाता है कि इसे जंगल में भी खोल दो तो चलने लगती है. बस गिलास, पानी और चखना का इंतजाम होना चाहिए. भिलाई … Read More
“पी गया चूहा- सारी व्हिस्की ….. कड़क के बोली, कहां है बिल्ली। दुम दबाके बिल्ली भागी, चूहे की फूटी किस्मत जागी। खेल रिस्की था, व्हिस्की ने किया बेड़ा पार.” फिल्म … Read More
कहा गया है – “पर पीड़ा सम नहीं अधमाई”. पर जिसके हाथ में अधिकार होता है वह उसका बर्बर प्रयोग करता ही है. अंग्रेज भी करते थे और देसी सरकारें … Read More
यह कहावत थोड़ी पुरानी जरूर है पर है बड़े काम की. वैसे आधुनिक दौर मोटिवेशनल स्पीकर्स का है. अब यह कहा जाता है कि जब आप एक उंगली दूसरे की … Read More
अपराधों के पैटर्न पर अंतरराष्ट्रीय शोध बताते हैं कि प्यार के मौसम में सर्वाधिक अपराध होते हैं. इन दिनों में युवा जमकर पार्टी करते हैं और वहीं पर जघन्य अपराधों … Read More
देवता का भोग संकट में है. हालत पूजा पंडालों जैसी हो गई है. 56 भोग घटते-घटते खीरे के टुकड़ों पर आ टिका है. जी हां! बात कर रहे हैं सरकारी … Read More