गुस्ताखी माफ : कांग्रेस को कहीं भारी न पड़ जाए यह ओवर कान्फिडेंस
बस्तर के बाद कांग्रेस का दूसरा संभागीय सम्मेलन बिलासपुर में संपन्न हुआ. तीसरा संभागीय सम्मेलन दुर्ग में हुआ. राज्य का कांग्रेस नेतृत्व अच्छी तरह जानता है कि यह चुनाव पिछले … Read More
बस्तर के बाद कांग्रेस का दूसरा संभागीय सम्मेलन बिलासपुर में संपन्न हुआ. तीसरा संभागीय सम्मेलन दुर्ग में हुआ. राज्य का कांग्रेस नेतृत्व अच्छी तरह जानता है कि यह चुनाव पिछले … Read More
अकादमी में पढ़ने के दौरान दोनों की दोस्ती हुई. बाद में परिवार वालों ने आपस में बातचीत कर दोनों का विवाह तय कर दिया. दोनों तरफ जबरदस्त उत्साह का माहौल … Read More
शादी ब्याह में फूफाजी की नाराजगी भी उतनी ही जरूरी है जितनी कि बाकी रस्में. यदि फूफाजी खुश दिखाई दें तो यह मान लेना चाहिए कि उन्हें भी अपने मतलब … Read More
‘कका’ ने विपक्ष के गोठान भ्रमण का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि गोठानों में जाकर भाजपा देखे कि वहां क्या हो रहा है. यदि कोई कमी दिखाई देती है, … Read More
इन महिलाओं ने पहले कभी मल्टीप्लेक्स में फिल्म नहीं देखी थी. इन्हें यह मौका दिया “द केरला स्टोरी” ने. इस फिल्म से प्रभावित एक पूर्व मंत्री ने महिलाओं को फ्री … Read More
बातें हैं बातों का क्या…! किसी की अच्छी बात गंदी लगती है तो किसी-किसी की गंदी बात भी अच्छी लगने लगती है. गंदी बात कभी-कभी मजे की बात भी बन … Read More
छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग अब वाहन चालकों को बिना ट्रेनिंग के लाइसेंस नहीं देगा. लाइसेंस के लिए लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च (ITDR) से सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा. हैवी … Read More
प्रदेश में उच्च शिक्षा के नाम पर कुछ भी हो रहा है. दरअसल, सरकार का उद्देश्य उच्च शिक्षा की गुणवत्ता की बजाय शिक्षा का धंधा हो गया है. सरकार को … Read More
देश की एक बड़ी आबादी यूटोपिया में जी रही है. यह आबादी का वह हिस्सा है जो बातों-बतोलेबाजियों में ज्यादा यकीन करता है. यह केन्द्रीय प्रचार तंत्र का शिकार हो … Read More
सनातन “वसुधैव कुटुम्बकम” का सिद्धांत देता है. पर इसके लिए एक शर्त भी है – “उदार चरितानां”. अर्थात चित्त अगर उदार है तो पूरा विश्व एक परिवार है. यही उदारता … Read More
छत्तीसगढ़ फिलहाल इलेक्शन-मोड में है. कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा सभी जिम्मेदारों से उनका दुःख दर्द पूछ रही हैं. जहां कहीं भी संभव हो पा रहा है, बातचीत के जरिए मन-मुटावों … Read More
रविन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) को 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था. देश के राष्ट्रगान – जन-गण-मन के रचयिता कविगुरू रविन्द्रनाथ ठाकुर अब केवल बंगालियों के होकर रह … Read More