पीएम आवास के निर्माण में भी हाथ बंटा रही पहाड़ी कोरवा महिलाएं
सरगुजा। पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग कभी जंगल, पहाड़ में जीवन व्यापन करना ही पसंद करते थ। पर अब उनमें भी बदलाव आ रहा है। पहाड़ी कोरवा महिलाएं व्यवसाय भी कर रही हैं। ऐसे काम भी कर रही है जो कभी सिर्फ पुरुष किया करते थे। सरगुजा की पीवीटीजी (Particularly Vulnearble Tribal Groups) महिलाएं पीएम आवास योजना के तहत मकान निर्माण कार्य में सहभागी बन रही हैं।
जिला प्रशासन का लक्ष्य पीएम जनमन योजना के तहत पीवीटीजी बस्तियों और परिवारों तक शासन की हर योजना जल्द से जल्द पहुंचाने का है। सबसे अहम काम था सड़क और आवास। प्रशासन ने इन परिवारों का पीएम आवास तो स्वीकृत करा दिया लेकिन जल्द से जल्द इतने आवास बनवा पाना भी एक चुनौती थी।
प्रशासन ने इस चुनौती से निपटने एनआरएलएम (National Rural livelihood Mission) विभाग का सहयोग लिया। NRLM या राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिला समूहों को गृह निर्माण के कार्य में लगाया गया। समूह को बैंकों से लोन दिलाया गया जिससे महिलाओं ने सेंट्रिंग प्लेट और मिक्सर मशीन खरीदी। पीएम आवास निर्माण कार्य के लिए इन सेंट्रिंग प्लेट्स और मिक्सर मशीन किराए पर देना शुरू किया। इससे पहाड़ी कोरवा महिलाएं अब ना सिर्फ पैसे कमा रही है बल्कि पीवीटीजी बस्तियों में जल्द से जल्द पीएम आवास बनाने में भी सहायक साबित हो रही हैं।
अंबिकापुर जनपद क्षेत्र के ग्राम रामनगर के बरपारा में रहने वाली पहाड़ी कोरवा महिला सुशीला ने अपने समूह के साथ मिलाकर सेंट्रिंग प्लेट खरीदी। गांव में जहां जहां पीएम आवास के मकान बनाए जा रहे हैं, पहाड़ी कोरवा महिलाओं का समूह वहां कॉलम व छत की ढलाई के लिए किराए पर सेंट्रिंग प्लेट औऱ मिक्चर मशीन देती है।
सुशीला बताती हैं कि वह साल 2013 में समूह से जुड़ी. इस समय गांव की 10 महिलाएं समूह से जुड़ी हुई है। जब से गांव में पीएम आवास बनना शुरू हुआ तो 90 हजार का लोन लेकर सेंट्रिंग प्लेट का व्यवसाय कर रही है। पीएम आवास निर्माण के लिए सेंट्रिंग प्लेट अब शहर से किराए पर नहीं लाना पड़ता है। साथ ही राजमिस्त्री का काम भी करती है। इससे एक घर से लगभग 8 से 9 हजार रुपये की कमाई हो जाती है।
जिला पंचायत सीईओ विनय अग्रवाल ने बताया “सरगुजा जिले में पीएम आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत से 31772 आवास और 2565 जनमन आवास, विशेष पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। निर्माण कार्य लगातार चल रहा है। चूंकि लक्ष्य काफी बड़ा था, इसलिए स्व सहायता समूह की महिलाओं से सेंट्रिंग प्लेट और मिक्चर मशीन के व्यवसाय से जोड़ा, जिससे आवास निर्माण में प्रगति आई।
सरगुजा में 387 ग्राम पंचायतों में लगभग 413 स्व सहायता समूह की महिलाएं 782 सेंट्रिंग प्लेट्स को किराये से देकर पैसे कमा रही हैं। 9-समूह की महिलाएं मिक्चर मशीन से पैसे कमा रही है। स्व सहायता महिलाओं की सहभागिता से आवास निर्माण में काफी तेजी आई है. उम्मीद है कि साल 2025 का लक्ष्य जल्द ही पूरा हो जाएगा.
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