ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस में पकड़े गए बच्चों के तस्कर, बंगाल से जा रहे थे बाटनेरा
रायपुर। चाइल्ड हेल्प लाइन, आरपीएफ, जीआरपी और बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने दो बच्चों को बंगाल से बाटनेरा ले जाते हुए मानव तस्कर गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है। इन बच्चों को यहां फैक्ट्री में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था। जहां उन्हें मामूली जेबखर्च और रहना खाना की शर्त पर काम करना था। बच्चों को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया है।
चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 में 15 दिसंबर 2025 को सूचना मिली कि ट्रेन क्रमांक 12102 ज्ञानेश्वरी सुपरफास्ट की जनरल बोगी में नाबालिक बच्चों को अवैध रूप से ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन ने तुरंत आरपीएफ और जीआरपी को जानकारी दी और संयुक्त कार्रवाई की गई।
चाइल्ड हेल्प लाइन, आरपीएफ, जीआरपी और बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त टीम ने ट्रेन में कार्रवाई कर दो नाबालिक बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू किया। इस दौरान राशिद मल्ला (उम्र 34 वर्ष), निवासी दक्षिण 24 परगना, पश्चिम बंगाल को बच्चों को शालीमार रेलवे स्टेशन से बाटनेरा (महाराष्ट्र) की कपड़ा फैक्ट्री में काम कराने के लिए ले जाते हुए पकड़ा गया।रेस्क्यू के बाद दोनों बच्चों को रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन बूथ लाया गया, जहां उनसे अलग-अलग बात की गई। मामले की जानकारी जीआरपी थाना में दर्ज कराई गई।
आरोपी के खिलाफ कानून के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। समिति के आदेश पर बच्चों को शासकीय बाल गृह (बालक), माना कैंप में सुरक्षित रखा गया है।उल्लेखनीय है कि जिले में चाइल्ड हेल्प लाइन अगस्त 2025 से शुरू हुई है।
अब तक चाइल्ड हेल्प लाइन ने 60 से 70 ऐसे बच्चों को रेस्क्यू किया है, जिन्हें सुरक्षा और देखभाल की जरूरत थी। इनमें बाल मजदूरी, बाल तस्करी, भिक्षावृत्ति, घुमंतू और भटके हुए बच्चे शामिल हैं। बाल कल्याण समिति के आदेश पर करीब 50 बच्चों को सुरक्षित रूप से उनके घर भेजा जा चुका है।












