कहानी – “दामू गुरू” (अंतिम किस्त) लेखक दिनेश दीक्षित
अरविंद ने कहा – गुरुजी आपके प्रकरण का निपटारा मैं अतिशीघ्र करने की कोशिश करूंगा, आप सिर्फ मुझे सारे कागज़ात पढ़ने का समय दीजिए और उसने गुरुजी को चार दिन … Read More
अरविंद ने कहा – गुरुजी आपके प्रकरण का निपटारा मैं अतिशीघ्र करने की कोशिश करूंगा, आप सिर्फ मुझे सारे कागज़ात पढ़ने का समय दीजिए और उसने गुरुजी को चार दिन … Read More
दामू गुरु ने कहा – ठीक है कल से परीक्षा तक मैं तुम्हे लगतार गणित पढ़ाने आऊंगा। सुबह गुरु नहा – धोकर चक्क कपड़े पहन कर सरपंच के घर की … Read More
भैसदई। एक छोटा सा गांव। आकार नाम के अनुरूप नहीं। सड़क जो गांव को मुख्य सड़क से जोड़ती, वहीं चौपाल उसके बाद बड़ी – सी पक्की बावड़ी , बावड़ी से … Read More
जिस प्रकार हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतार माने गए हैं, ठीक उसी तरह नाट्य कला में पाए जाने वाले कलाकारों के भी दस अवतार होते हैं। यहां … Read More
इस व्यंग आलेख ( मूल मराठी ) के लेखक श्री पुरुषोत्तम दारवेकर हैं। वे कभी रायपुर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय मराठी साहित्य सम्मेलन में आए थे। उन्होंने रोज कलाकार के एक … Read More
भिलाई। वर्षों बाद इस्पात नगरी का रंगमंच एक बार फिर आलोकित हुआ. नाट्य की नई विधाओं के साथ अष्टरंग ने सहमी हुई नारी के मन में उठ रहे तूफानों को … Read More