शुक्र मनाओ कि छत्तीसगढ़ में सड़कों पर नहीं करते न्याय

लोकतंत्र में नेता को या तो फूल मालाएं मिलती हैं या फिर गालियां. जिसका जैसा कामकाज होगा, जनता उसे वैसा ही तोहफा देगी. पर जनता अपना फैसला मुंह पर बहुत … Read More

प्रगतिशील साहित्य मानवीय न्याय व्यवस्था का पक्षधर है – डॉ रमाकांत

दुर्ग. जहां मतलब निकल रहा हो वहां भावुकता और अनावश्यक होने पर कट्टर निरंकुश हो जाओ यही पूंजीवाद है. पूंजीवाद हमारी हर पवित्र वस्तु को नष्ट कर देता है, मनुष्य … Read More