प्रगतिशील साहित्य मानवीय न्याय व्यवस्था का पक्षधर है – डॉ रमाकांत

दुर्ग. जहां मतलब निकल रहा हो वहां भावुकता और अनावश्यक होने पर कट्टर निरंकुश हो जाओ यही पूंजीवाद है. पूंजीवाद हमारी हर पवित्र वस्तु को नष्ट कर देता है, मनुष्य … Read More