इंटरक्राफ्टिंग और नये कृषि प्रयोग से उद्यानिकी फसलों को बनाये लाभप्रद
प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना के तहत उद्यानिकी, कृषि में है असीमित लाभ
दंतेवाड़ा। जिले में उद्यानिकी फसलों के विस्तार की असीम संभावनाएं है बागवानी कृषि को उन्नत तकनीक, नये कृषि प्रयोगों के साथ अगर किया जाये तो यह कृषकों के नियमित आय का प्रमुख साधन बन सकता है। जिले के उद्यानिकी कृषकों के लिए जिला प्रशासन द्वारा बेहतर अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है। अत इस संबंध में इच्छुक कृषकों को प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद मुहैया करायी जायेगी।” आज जिले के ग्राम मसेनार, गंजेनार, श्यामगिरी, हितावर एवं मैलावाड़ा ग्रामों के कृषकों से संवाद करते हुए कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने उक्त आशय के विचार व्यक्त किये। उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने हेतु संचालित नवाचारों एवं योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
दौरे के प्रथम चरण में कलेक्टर ने मसेनार एवं श्यामगिरी ग्राम में विकसित किए जा रहे ऑयल पाम (तेल ताड़) रोपण का अवलोकन किया। उन्होंने किसानों से प्रत्यक्ष संवाद कर रोपण की तकनीक, सिंचाई व्यवस्था, पौधों की वृद्धि तथा भविष्य में होने वाले आर्थिक लाभों की जानकारी ली।

हितग्राही कृषक भीमा द्वारा 5 एकड़ में 286 ऑयल पाम के पौधे लगाए गए है। कलेक्टर ने भीमा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऑयल पाम जैसी दीर्घकालिक एवं लाभकारी फसलें किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। श्यामगिरी के कृषक अनिल कोरर्म द्वारा 15 एकड़ में ऑयल पाम रोपण को भी कलेक्टर ने देखा। उन्होंने कृषकों समझाइश देते हुए कहा कि ऑयल पाम रोपण के बीच वे अपने इच्छा अनुसार अन्य फसल लगाकर दोहरा लाभ ले सकते है। उन्होंने कृषकों से कहा कि सिंचाई की दृष्टि से कुआं और डबरी निर्माण को प्राथमिकता देवें।
कलेक्टर गंजेनार पहुंचे, जहां उन्होंने आम एवं नारियल रोपणी का निरीक्षण किया। ज्ञातव्य है कि यहां हुंगा, बच्चू, सुकमन, मोटू, लक्ष्मण, सुधरू, बुधरू, राजू सहित अन्य कृषकों द्वारा 5 एकड़ उन्नत किस्म के आम,नारियल का रोपण किया गया है। कलेक्टर ने यह उक्त कृषकों से बागवानी फसलों के संरक्षण, पौधों के रखरखाव, कीट नियंत्रण एवं विपणन की संभावनाओं पर चर्चा की तथा किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कृषकों ने कलेक्टर के समक्ष बिजली सहित अन्य मांगों से कलेक्टर को अवगत कराया। जिसका कलेक्टर ने त्वरित प्रकरण बनाकर निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर ने हितावार ग्राम कि महिला पशुपालक सरोजिनी बघेल के डयरी फार्म का अवलोकन कर पशुपालन गतिविधियों की स्थिति जानी। यह उन्होंने उक्त पशुपालन से दुग्ध उत्पादन, पशुओं के स्वास्थ्य, चारा प्रबंधन एवं डेयरी से होने वाली आय की जानकारी ली। इस दौरान महिला ने कलेक्टर को अवगत कराया कि उसके पास वर्तमान में 14 गौ वंशीय पशु है जिससे उसे लगभग 50 लीटर दुग्ध उत्पादन होता है। इसके अलावा विभाग नस्ल सुधार योजना के तहत उसे लाभान्वित भी किया गया है। पशुपालक ने विगत दिवस मृत गौ वंशीय पशु के मुआवजे तथा व्यवस्थित पक्के पशु शेड की मांग कलेक्टर के समक्ष रखी। इस संबंध में कलेक्टर ने अधिकारियों को तत्काल प्रकरण बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
दौरे के अंतिम चरण में कलेक्टर मैलावाड़ा पहुंचे, यहां उन्होंने मत्स्य पालन कर आय का नया जरिया पाने वाले जयराम कश्यप के मत्स्य तालाब का अवलोकन किया। उक्त कृषक ने कलेक्टर को बताया कि 2023 से मत्स्य पालन कर रहा है। जिसमें अच्छी आमदनी होती है उसके तालाब में मुख्यत: फगास किस्म की मछली का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा 3 एकड़ से अधिक की भूमि उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बागवानी किस्म के पौधरोपण किया है। इस दौरान कलेक्टर ने उक्त कृषक की हौसला अफजाई की। और उन्होंने तालाबों की स्थिति, मछली उत्पादन एवं इस पर आजीविका के अवसरों को मत्स्य पालन को रोजगार का सशक्त माध्यम बताया। इस दौरान उद्यानिकी, पशुधन, मत्स्य विभाग, जनपद सीईओ सहित अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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