असफलता ही बढ़ाती है आगे – प्रो. ग्रेग

durg science college, dr sushil chandra tiwariभिलाई। जीवन में आगे बढऩे के लिए पहले असफल होना आवश्यक है। कभी भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। ये उद्गार ताइवान नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जे ग्रेग शैलनट ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किए। प्रोफेसर ग्रेग शैलनेट आज महाविद्यालय के आईक्यूएसी सेल एवं भूविज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आमंत्रित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। प्रो. ग्रेग ने बड़ी संख्या में उपस्थित स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शोध का विचार मन के अंदर से जागृत होता है। कक्षा में प्राप्त ज्ञान से अच्छे अंक हासिल किए जा सकते हैं, शोध नहीं। हर विद्यार्थी को जिज्ञासु होना चाहिए। अपने आसपास घट रही हर गतिविधि पर हमको गंभीरता से विचार मंथन करना चाहिए। >>
durg science college, prof j Greg Shellknotप्रोफेसर ग्रेग के व्याख्यान के पश्चात महाविद्यालय के भू विज्ञान, वनस्पतिशास्त्र, माइक्रोबायलाजी, रसायन विषयों के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अनेक प्रश्न पूछे जिनका प्रोफेसर ग्रेग शैलनेट ने समाधान किया। छात्र-छात्राओं ने चट्टानों में पेट्रोलियम की प्राप्ति, भूकंप, भूस्खलन जैसी बातों पर आधारित प्रश्न पूछे। वनस्पतिशास्त्र की छात्रा कुमारी ममता ने रामेश्वरम के समीप स्थित रामसेतु की चट्टानों के पानी में न डूबने का कारण पूछा। अपने बीच विदेशी प्रोफेसर की उपस्थिति से विद्यार्थी समुदाय प्रसन्न एवं रोमांचित नजर आया।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ केआर हरी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रोफेसर ग्रेग प्रोफेसर हरी के साथ छत्तीसगढ़ के पिथौरा के समीप सोनाखान की शैलों का अध्ययन करने हेतु एक सप्ताह से फील्डवर्क कर रहे हैं।
व्याख्यान माला के आरंभ में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशीलचन्द्र तिवारी ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. ग्रेग का परिचय भूविज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ एसडी देशमुख ने दिया। प्रोफेसर प्रशांत श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन आईक्यूसी की संयोजक डॉ नीरजारानी पाठक ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं के अलावा रसायनशास्त्र के प्राध्यापक डॉ अनिल कश्यप, डॉ अजय सिंह उपस्थित थे। प्रो. ग्रेग ने महाविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ विचार विमर्श भी किया। इस विमर्श के दौरान डॉ अनुपमा अस्थाना, डॉ रंजना श्रीवास्तव, डॉ सपना शर्मा, डॉ शाहीन गनी, डॉ अरविंद शुक्ला, डॉ अभिनेष सुराना भी उपस्थित थे।

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