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कल्पनाशीलता का विकास शिक्षकों का दायित्व

दुर्ग। विद्यार्थियों में कल्पनाशीलता भरना शिक्षकों का दायित्व होता है। शिक्षक एवं विद्यार्थी यदि अपने दायित्वों का उचित ढंग से निर्वहन करें तो उच्च शिक्षा में गुणात्मक विकास स्वमेव हो जायेगा। ये उद्गार छत्तीसगढ़ हिन्दी गं्रथ अकादमी के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में व्यक्त किये।
श्री नैय्यर आज उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के अंतर्गत महाविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता वृध्दि में संचार माध्यमों की भूमिका विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में दुर्ग भिलाई के प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े पत्रकारों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।
ramesh nayyarश्री नैय्यर ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता विकास में मीडिया की भूमिका को अतिमहत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज की मीडिया को पूर्वाग्रह त्यागकर कार्य पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के उद्देश्यों एवं कार्यशाला की प्रासंगिकता पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम शिक्षक से ही सभी आदर्शों की अपेक्षा न करते हुए पालक एवं समाज सभी में आदर्शवाद विकसित करने का प्रयत्न करना चाहिए। महाविद्यालय की रचनात्मक गतिविधियों को व्यापक प्रचार प्रसार करने डॉ तिवारी ने मीडिया जगत को धन्यवाद दिया। महाविद्यालय अईक्यूएसी की संयोजक डॉ नीरजा रानी पाठक ने अपने स्वागत भाषण में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता हेतु किए जाने वाले प्रयासों की चर्चा की। डॉ पाठक ने अपने स्वागत भाषण में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता हेतु किये जाने वाले प्रयासों की चर्चा की। डॉ पाठक ने कहा कि मीडिया के माध्यम से किसी विषय को रुचिकर बनाया जा सकता है। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. प्रशांत श्रीवास्तव ने किया।
कार्यशाले के सफल आयोजन में महाविद्यालय आईक्यूएसी के डॉ के पद्मावती, डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी, डॉ शाहीन गनी, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ एसआर ठाकुर तथा महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ राजेन्द्र चौबे, डॉ सपना शर्मा, डॉ जयप्रकाश साव, डॉ अंजलि अवधिया, डॉ ज्योति धारकर, डॉ पद्मावती का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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