bhashwati rampal mrs asia international india-2015

भाष्वती को है जीतने की आदत

भिलाई। मिसेज एशिया इंटरनेशनल इंडिया भाष्वती रामपाल भिलाई से इस खिताब को हासिल करने वाली तीसरी महिला हैं। पर भाष्वती में कुछ तो है जो उन्हें औरों से अलग करती है। दरअसल भाष्वती का पूरा जीवन एक ऐसे संघर्ष की दास्तान है जिसे उन्होंने न केवल जिया है बल्कि हर कदम पर मुश्किलों को चुनौती दी है और जीत हासिल की है। भाष्वती को एक कठिन प्रकार की आर्थराइटिस की शिकायत है। इस मर्ज ने उन्हें लगभग दस वर्षों तक छड़ी के सहारे चलने पर विवश किया। इसलिए जब वे मिसेज एशिया इंटरनेशनल-2015 के रैम्प पर गर्व के साथ हाईहील्स में चल पड़ीं तो उनके चाहने वालों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। Read Moremrs asia international india 2015 Bhashwatiयह सिर्फ भाष्वती और उसके चाहने वाले ही जानते हैं कि हिप ज्वाइंट रिप्लेसमेन्ट का क्या मतलब होता है। उनका पहला आपरेशन बिगड़ गया था। दोबारा आपरेशन करना पड़ा। आपरेशन और रिकवरी की भयंकर पीड़ा ने भाष्वती की दर्द सहने की क्षमता को दोबाला किया बल्कि हर चुनौती को मुस्कुरा कर जीने की कला भी सिखा दी।
Bhashwati Rampalएक तरफ जहां यह सब चल रहा था वहीं दूसरी तरफ भाष्वती एक मेधावी छात्रा के रूप में अपना भविष्य भी गढ़ती चली जा रही थी। बीएसपी सीनियर सेकंडरी स्कूल, सेक्टर-10 और फिर कल्याण कालेज से उन्होंने साइंस में एमएससी किया। आज वे न केवल कृष्णा पब्लिक स्कूल, नेहरू नगर में उच्च कक्षाओं को भौतिक शास्त्र पढ़ाती हैं बल्कि स्कूल की कई समितियों की सदस्य भी हैं।
भाष्वती इसके अलावा भी अनेक क्षेत्रों में सक्रिय हैं। वे जेसीआई इंडिया जोन-9 की डायरेक्टर ट्रेनिंग हैं। इस जिम्मेदारी का निर्वाह वे कितनी शिद्दत के साथ कर रही हैं इसका पता इसी बात से चल जाता है कि एक वर्ष के भीतर अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उन्होंने 100 घंटे की कक्षाएं ली हैं। वे अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षा के प्रति समर्पित हैं और उनके लिए लगातार काम करती रहती हैं। मोटिवेशन की जीती जागती मिसाल भाष्वती एक मोटिवेशनल ट्रेनर भी हैं।
सबसे बड़Þा कांप्लिमेन्ट
वूमेन्स ईरा ने उनपर एक न्यूज स्टोरी किया। इस पर किसी ने टिप्पणी की – आपको इस उपलब्धि पर बधाई किन्तु आप इससे अधिक की हकदार हैं। आपकी जिन्दगी में हमें जीवन के हर रंग की झलक दिखाई देती है।
दिल के करीब
उनकी बेटी किरताना उनके दिल के सबसे करीब हैं जो विवाह के 13 वर्षों बाद आई। वे कहती हैं कि अब बेटी के बिना जीवन की वे कल्पना भी नहीं कर सकतीं।
हरियाली के लिए आइडिया
वे कहती हैं कि मेहमानों का स्वागत गुलदस्तों या फूलमालाओं से करने के बजाय उन्हें एक पौधा भेंट करना चाहिए जिसे वे अपने घर या संस्थान में ले जाकर रोप सकें। इससे यादें ज्यादा दिनों तक जिंदा रहेंगी और हरियाली बढ़ाने में भी हमें मदद मिलेगी।
सबसे अच्छा कोटेशन
हम जिस मुकाम पर हैं वह अच्छा है पर यही अंत नहीं है। अभी और अच्छे दिन आने शेष हैं।
डायबिटीज काम्बैट मंत्रा
दिन में कम से कम 25 ग्राम कच्चा प्याज, ताजा भोजन, ढेर सारा पानी और हमेशा खुश रहना डायबिटीज को दूर रखने में मदद करती है।
बस इतना काफी है
भाष्वती बताती हैं कि ब्यूटी पेजेन्ट में और आगे जाने की उनकी इच्छा नहीं है। अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए और अपनी क्षमताओं को लोगों के साथ शेयर करने के लिए इतना काफी है। उनका कार्यक्षेत्र शिक्षा है और वह शिक्षा के क्षेत्र में ही काम करना चाहती हैं। वैसे राज की बात बताएं – भाष्वती उन गिनी चुनी महिलाओं में से हैं जो अपनी उम्र नहीं छिपाती हैं बल्कि गर्व के साथ शेयर करती हैं। शायद उन्हें इसकी जरूरत भी नहीं…

5 thoughts on “भाष्वती को है जीतने की आदत

  1. BhashwaTi
    Your r great
    Your achievement is great
    You r a inspirational peaple for all.
    Hats off to you.

  2. So proud of you mam…
    This is something a teacher says to her student, but this tym a student is saying to her teacher..
    We never thought that one day we vl see our physics teacher, winning such a big name.. Your life is a big inspiration for all of us..

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