रूंगटा फार्मेसी में अल्जाइमर की दवा पर रिसर्च
भिलाई। अल्जाईमर एक ऐसी बीमारी है जिसके लिये अबतक अचूक दवा उपलब्ध नहीं हो पाई है। संतोष रूंगटा समूह द्वारा भिलाई के कोहका में संचालित रूंगटा कॉलेज आॅफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च (आरसीपीएसआर) की अत्याधुनिक लैब में इस बीमारी से निजात पाने हर्बल दवा विकसित करने के प्रयास जारी हैं। सबकुछ ठीक रहा तो जल्दी ही इस शोध कार्य के पॉजीटिव रिजल्ट प्राप्त हो जायेंगे। कॉलेज में हो रहे इस शोध कार्य का सीधा लाभ कॉलेज में पढ़ रहे एम. फार्मा तथा बी.फार्मा स्टूडेंट्स को मिल रहा है वहीं राज्य में हर्बल क्षेत्र में रिसर्च हेतु एक उत्साहजनक माहौल बनने की संभावना है। Read More
क्या है अल्जाइमर?
इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे प्रोफेसर डॉ. कार्तिक नखाते बताते हैं कि अल्जाइमर बुढ़ापे में या अधिक तनाव या डायबिटीज से होने वाली बीमारी है इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बुजुर्ग व्यक्तियों में देखा गया है। व्यक्ति की जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है तो उसके न्यूरॉन्स (मस्तिष्क की कोशिकायें) में फ्री-रेडिकल्स तथा बीटा अमाईलॉइड की मात्रा बढ़ती हैं जिसकी वजह से न्यूरॉन्स नष्ट होना शुरू हो जाता हैं। इसमें मरीज की दिमागी हालत ठीक नहीं रहती तथा उसका दिमाग अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य नहीं कर पाता। इसका प्रमुख कारण मरीज के दिमाग के न्यूरॉन्स (कोशिकायें या सेल) का निष्क्रिय होना होता है। यह बीमारी इतनी घातक होती है कि कभी-कभी इससे मरीज की मौत भी हो जाती है।
हर्बल दवा पर रिसर्च
वर्तमान में अल्जाइमर के इलाज की बाजार में कोई भी रामबाण औषधि उपलब्ध नहीं है। इसलिए अल्जाइमर की हर्बल दवा बनाने हेतु रिसर्च किया जा रहा है। इस दवा का प्रयोग सर्वप्रथम एनिमल्स पर होगा फिर उपयोगी पाये जाने पर इसे मानव उपयोग हेतु प्रयुक्त किया जा सकेगा।
पूरी तरह लैस हैं अत्याधुनिक लैब
संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर एफ एण्ड ए सोनल रूंगटा बताते हैं कि हमारा समूह सदैव रिसर्च कार्यों को बढ़ावा देने का कार्य करता रहा है। समूह द्वारा भिलाई तथा रायपुर में संचालित विभिन्न इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी तथा आईटी एवं साइंस कॉलेजों में विभिन्न प्रोजेक्ट्स के तहत शोध कार्य किये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ एक हर्बल स्टेट है तथा यहा औषधीय पौधों एवं जड़ी-बूटी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। हमने सामाजिक हित को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को लिया है और आरसीपीएसआर की अत्याधुनिक लेबॉरट्री में अल्जाइमर की हर्बल मेडिसीन इजाद करने हेतु शोध कार्य चल रहा है। रूंगटा प्रबंधन इस समाजोपयोगी कार्य हेतु अपनी तरफ से पूरा सपोर्ट प्रदान कर रहा है। डिपार्टमेंट आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी (डीएसटी) के अंतर्गत साइंस एण्ड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसइआरबी), नई दिल्ली के एक प्रोजेक्ट के तहत हमारे फार्मेसी कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. कार्तिक नखाते के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट के तहत् शोध-कार्य हो रहा है। आरसीपीएसआर के अनुभवी प्रिंसिपल डॉ. डी.के. त्रिपाठी भी कॉलेज की रिसर्च लेबॉरट्री में किये जा रहे इस प्रयास के प्रति बहुत ही उत्साहित तथा आशान्वित हैं।