एजुकेशन ने किया दुनिया में भिलाई का ऊंचा नाम
संडे कैम्पस न्यूज. भिलाई। राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, राजस्व, आपदा प्रबंधन मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि पहले दुनिया में पहले जहां केवल भिलाई के इस्पात की चर्चा होती थी वहीं अब यहां की शिक्षा गुणवत्ता ने भी अपनी धाक जमा ली है। स्पेन से रोम तक आप दुनिया के किसी भी देश में चले जाएं, वहां आपको भिलाई के लोग मिल जाएंगे। Read More
श्री पाण्डेय यहां शकुंतला ग्रुप ऑफ स्कूल्स के 19वें वार्षिकोत्सव को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले लोग मिलते थे तो अपना परिचय आंध्रा, केरला, यूपी, बिहार, बंगाल कहकर देते थे। देश से लेकर विदेश तक ऐसा ही होता था। किन्तु मैंने जब 56 देशों की यात्रा की तो हर जगह मुझे भिलाई के लोग मिले, उन्होंने मुझे होस्ट किया।
टाई का मतलब एमजीए
श्री पाण्डेय ने कहा कि भिलाई में पहले केवल भिलाई इस्पात संयंत्र संचालित स्कूलों का ही बोलबाला था। टाई लगाकर कोई बच्चा स्कूल जाता मिलता तो वह एमजीएम का ही होता। पटरी के इस पार तो केवल पास होने पर भी मिठाई बंटा करती थी। सप्लीमेंटरी आने पर भी कुछ लोग मिठाई बांट देते थे कि चलो बेटा फेल नहीं हुआ। पर अब स्थितियां बदल गई हैं। अब बच्चों में 10 सीजीपीए और 95 फीसदी से अधिक लाने की होड़ लगी रहती है।
आएगी आईआईटी
श्री पाण्डेय ने कहा कि भिलाई को उच्च गुणवत्ता वाली शालाओं और कालेजों ने एक नई पहचान दी है। आने वाले समय में यहां आईआईटी के आने पर इसका दर्जा और ऊंचा हो जाएगा। भिलाई में आईआईटी की घोषणा होने के बाद कम से कम एक लाख लोगों ने विदेशों से भिलाई को नेट पर सर्च किया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है।
अर्थव्यवस्था में शिक्षा
श्री पाण्डेय ने कहा कि भिलाई की अर्थव्यवस्था कभी भिलाई इस्पात संयंत्र पर टिकी हुई थी। अब इसमें एजुकेशन सेक्टर का बड़ा योगदान हो गया है। सैकड़ों स्कूल, कालेज, इंस्टीट्यूशंस और कोचिंग संस्थाओं के कारण यहां बच्चों की संख्या में बेशुमार इजाफा हुआ है। शकुंतला के होस्टल में लगभग 400 बच्चे हैं किन्तु उधर नेहरू नगर, स्मृति नगर और उसके आसपास के इलाके में कई होस्टल और पीजी अकोमोडेशन उपलब्ध हो गए हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन ने की। पार्षद रामानंद मौर्य एवं पीयूष मिश्रा भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इससे पहले शकुंतला ग्रुप ऑफ स्कूल्स के डायरेक्टर संजय ओझा ने शाला की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि 1993 में 100 से भी कम बच्चों के साथ शुरू हुए इस स्कूल की चार शाखाओं में आज 6500 से अधिक बच्चे हैं। इनमें से दो सीजीबीएसई तथा दो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं। पढ़ाई के अलावा खेलकूद में भी स्कूल के बच्चों ने विशेष प्रावीण्यता हासिल की है तथा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल का नाम ऊंचा किया है। संस्था द्वारा होनहार विद्यार्थियों को कैश अवार्ड दिया जाता है। इस वर्ष भी 41 स्टूडेंट्स को 3 लाख 37 हजार रुपए का कैश अवार्ड दिया जा रहा है।
इस अवसर पर प्राचार्य वीके ओझा, एसएस गौतम, ममता ओझा, प्रबंधक वी दुबे, अभय दुबे, उप प्राचार्य आरती मेहरा, अनिता नायर, रंजना कुमार, पुष्पा सिंह, वैशाली नगर शिक्षण समिति के अध्यक्ष बजरंग लाल जोशी, संचालन समिति के पदाधिकारी, पालकगण ललन तिवारी, लल्लन दुबे, रामराज मिश्रा, अनिल सिंह, सुभाष पासवान, दीपक ओझा उपस्थित थे।
इस अवसर पर कृति विद्यार्थियों को अतिथियों ने पुरस्कृत किया। बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।