स्वरुपानंद कालेज ने दिखाई विकास की राह

swaroopanand mahavidyalayaभिलाई। विज्ञान एवं तकनीकी की निरंतर प्रगति एवं अनुसंधान के इस युग में समयानुकूल आधुनिक एवं रोजगारोन्मुख शिक्षा उत्कृष्टता के साथ उपलब्ध कराना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य हैं। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आई.पी. मिश्रा ने स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की नींव रखी, जिसका प्रमुख उद्देश्य रोजगार परक उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कर छात्रों का सर्वांगीण विकास करना हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा पूर्ण होते ही रोजगार उपलब्ध हो जाये इस उद्देश्य से कै पस प्लेसमेंट का आयोजन किया जाता हैं इस वर्ष महाविद्यालय में एक्सेंचर, टीसीएस, इंडसइंड बैंक, डेकैथलॉन, जेनपैक्ट, सोनी इंडिया, मीटेक्स इंजीनियरिंग प्रा.लि., संदीप माइनिंग इक्विपमेंट कंपनी, आलोक सर क्लासेस, एमएसपी पब्लिक स्कूल आदि कंपनियां आईं। करीब 98 अ यर्थियों को आकर्षक पैकेज आफर किया गया।
महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को टाटा इंस्टीट्यूट द्वारा एनयूएसएसडी सर्टिफिकेट कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाता हैं, जिसमें प्रशिक्षित व कुषल प्रशिक्षकों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाता हैं। इस प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियों को रोजगार की गारंटी 100 प्रतिशत हो जाती हैं। साथ ही महाविद्यालय द्वारा अनुभवी प्रशिक्षित चार्टड एकाउंटेट के द्वारा सीएस व सीपीटी फाउंडेशन कोचिंग की क्लासेस महाविद्यालय परिसर में ही संचालित की करवाई जा रही हैं। जिसकी फीस कोचिंग संस्थानों से काफी कम हैं।
महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिये ओपन वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है। सर्वसुविधा युक्त क प्यूटर लैब व वाईफाई सुविधा होने के कारण विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट वर्क के लिये बाहर भटकना नहीं पड़ता। लाईब्रेरी में भी वाई-फाई व क प्यूटर की सुविधा उपलब्ध हैं, जिससे विद्यार्थी ऑनलाईन पढ़ाई व अपने प्रोजेक्ट का काम कर सकते हैं।
महाविद्यालय का परीक्षा परिणाम शत् प्रतिशत रहता हैं। उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम हेतु महाविद्यालय में समय-समय पर क्लास टेस्ट, सरप्राईस टेस्ट एवं मॉडल परीक्षायें ली जाती हैं। मॉडल के बाद कमजोर विद्यार्थियों के लिये रिमिडयल क्लासेस भी लगाई जाती हैं। महाविद्यालय द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक, आध्यामिक एवं षैक्षणिक कार्यक्रमों के द्वारा व्यक्तित्व विकास के साथ आत्म-विष्वास व आत्मविष्लेशण की प्रकृतियों पर जोर दिया जाता हैं। इसके लिये समय-समय पर व्या यान माला, ग्रुप डिस्कशन, सेमीनार, पर्सनाल्टी डेवलपमेंट, से संबंधित कक्षायें लगायी जाती हैं। महाविद्यालय के प्रयासों के कारण ही प्रतिवर्ष विद्यार्थी प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाते आये हैं। महाविद्यालय में उच्च शिक्षित प्राध्यापक है, जिसकी नियुक्ति विश्वविद्यालय के नियमों के आधार पर की गई हैं।
महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना का गठन विद्यार्थियों में सामाजिक सहभागिता को बल देने के लिये किया गया है इसके माध्यम से विद्यार्थियों में पर्यावरण जागरुकता, रक्तदान, स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आदि से संबंधित क्रिया कलाओं का संचालन किया जाता हैं।
प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने बताया महाविद्यालय में प्रवेश प्रारंभ हैं। फार्म मिलने का समय 9 से 5 बजे तक रखा गया हैं। विषय चयन में दुविधा होने की स्थिति में विषय-विशेषज्ञ द्वारा काउंसलिंग की व्यवस्था महाविद्यालय में की गई हैं।
कक्षा एवं सीटों का विवरण
बीकॉम 1,2,3 – प्रत्येक में 80 सीट
बीसीए 1,2,3 – प्रत्येक में 60 सीट
बीएससी 1,2,3 (पीसीएम, सीएस)- प्रत्येक में 60 सीट
बीएससी 1,2,3 (बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलाजी-प्रत्येक में 40 सीट
बीबीए 1,2,3-प्रत्येक में 100 सीट
बीएड-200 सीट
एमएड-50 सीट
एमएससी बायोटेक्नोलॉजी-12 सीट
एमएससी माइक्रोबायोलॉजी-15 सीट
एमएससी-सीएस-20 सीट
एमएससी मैथ्स-25 सीट
एम कॉम-30 प्रस्तावित
एमए हिन्दी-30 प्रस्तावित

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