सबसे ज्यादा तेज बदलाव भारत में : मिश्रा
शिक्षण में नवाचार पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के आईक्यूएसी प्रकोष्ट, नैक द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। सम्मेलन में सीखने, सिखाने एवं मूल्यांकन में नवाचार पर चर्चा की गई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमके वर्मा उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि थे। सहा. कुलसचिव इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव विजय कुमार सिंह आयोजकीय अतिथि एवं श्री गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आई पी मिश्रा मंचासीन थे।
मुख्य अतिथि ने कहा कि पिछले साठ वर्षों में देश के सभी क्षेत्रों में प्रगति हुयी है चाहें वह निर्माण का क्षेत्र हो या शिक्षा का। आज शिक्षा में मॉडर्न टेक्नालॉजी का उपयोग किया जा रहा है। आवश्यकता इस बात है कि सभी छात्रों को टारगेट करते हुए पढ़ाया जाये और उन्हें नवीनतम तकनीकी से अवगत कराया जाये।
आयोजकीय अतिथि विजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा सबकी पहुंच के भीतर होनी चाहिए। हमें केवल डिग्री हासिल नहीं करना चाहिए बल्कि रोजगार उन्मुखी शिक्षा ग्रहण करना चाहिए, क्योंकि इतने छात्र पढ़कर निकल रहे हैं उनके जॉब का क्या होगा? इसलिए इनोवेशन आवष्यक है।
श्री आई पी मिश्रा ने कहा कि शिक्षण के नतीजे आने चाहिए। हम जो कार्य कर रहे है वह धरातल पर फलीभूत होना चाहिए। दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है और सबसे अधिक बदलाव भारत में देखा जा रहा है क्योंकि यहा सबसे अधिक नौजवान है। आज क्वालिटि का जमाना है। मैन पावर हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है। इनोवेशन आज सभी क्षेत्रों की मांग है।
अति. निदेशक एवं संयोजक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद रॉव ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती व्यक्ति बाल्य अवस्था से लेकर आखरी समय तक कुछ न कुछ सीखता ही रहता है। आज नॉलेज को इम्प्रूव करने की आवश्यकता है। आईसीटी का उपयोग हमेशा सीखने हेतु किया जाता है। इस सम्मेलन से नयी-नयी जानकारियां और नालेज बाहर आयेगा।
प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने अतिथियों को धन्यवाद दिया।
प्रथम दिवस के प्रथम तकनीकी सत्र का शुभारंभ श्रीमती जया मिश्रा उपाध्यक्ष श्री गंगाजली शिक्षण समिति ने किया। प्रथम सत्र में डॉ. एस.डी. भावे (संस्थापक निदेशक रायसोनी ग्रुप ऑफ इन्सटीटयूशन एवं भूतपूर्व निदेशक ट्राईस्टार एकेडमी नागपुर) ने अपना की-नोट प्रस्तुत किया। आपने बताया कि प्राचीन समय में श्री रविन्द्रनाथ टेगौर शिक्षण को एक नये रूप देते हुए खुले परिवेश में पेड़ के नीचे छात्रों को अध्यापन कराते थे।
प्रथम दिवस के द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ. रूपेश गुप्ता (निदेशक प्रिज्म स्कूल ऑफ इन्सटिट्यूशन) ने ई-टीचिंग के बारे में उदाहरण सहित विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। आज छात्र केवल क्लास रूम टीचिंग से ही संतुष्ट नहीं होता बल्कि शिक्षण के ई-स्त्रोंतो का भी सहारा लेता है।
शासकीय महाविद्यालय उतई के प्राचार्य डॉ. महेशचन्द्र शर्मा, अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ. ऐ.ऐ. खान, शासकीय महाविद्यालय बोरी से डॉ. सुमीत अग्रवाल, डॉ. मंजुलता साव, शासकीय दिग्विजय कालेज से डॉ. अनिता शंकर, बिलासपुर सी.वी. रमन विश्वविद्यालय से डॉ. संध्या जायसवाल, मनीषा द्विवेदी, शाहीद हुसैन, राम कुमारी भारती, जफर अली, निधि, तृप्ति, मधु मालती, कृष्ण कुमार, ऋतु, अमेटी विश्वविद्यालय रायपुर से समीर जायसवाल, नवीन, शेफाली, कोरिया से सुनीता दुबे, जशपुर से अभय राठौर, वंदना पाठक, रायपुर से श्रीमती स्वाति श्रीवास्तव, दुर्गा कॉलेज रायपुर से श्रीमती नमीता, रोहित दुबे, रावतपुरा सरकार कुम्हारी से हेमंत कुमार जैन, मोनिका जैन तथा महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, स्थानीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकगण, मीडियाकर्मी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे। संचालन डॉ. सीमा जायसवाल एवं सुषमा दुबे ने किया एवं संदीप जसवंत ने धन्यवाद ज्ञापन किया।