एमसीआई ने डॉ रत्नानी को सही ठहराया

heart भिलाई। स्व. खेराजमल पंजवानी नाम के एक मरीज से जुड़े दो साल पुराने विवाद में एमसीआई ने अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल के इंटरनवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिलीप रत्नानी को क्लीन चिट दे दी है। यह प्रकरण स्व. पंजवानी के पुत्र राज पंजवानी ने उठाया था जिसे एमसीआई की एथिक्स कमेटी को रिफर किया गया था। मामला अगस्त 2015 का है। खेराजमल को सीने में तकलीफ के लिए भर्ती कराया गया था। उसे एक्यूट एंटीरियर एक्सटेंसिव मायोकार्डियल इन्फार्कशन विथ पल्मोनरी एडिमा था इसलिए उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। मरीज की एंजियोप्लास्टी कर दी गई। इसके साथ ही अस्थायी पेसमेकर और इंट्रा एयोरटिक बलून पंप (आईएबीपी) का सपोर्ट दिया गया। मरीज के तीनों आर्टरी में ब्लाकेज था। अंतिम तरीका सर्जरी का बचा था। पर मरीज को ज्यादा दूर तक ले जाना मुश्किल था। उसे रायपुर ले जाने की सलाह दी गई। पर मरीज के परिजन उसे हैदराबाद ले जाने पर अड़े रहे। इससे पहले कि एयरएम्बुलेंस की व्यवस्था हो पाती, मरीज की 28 अगस्त को मृत्यु हो गई।
मृतक के पुत्र राज पंजवानी ने इस मामले में चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए एमसीआई में शिकायत की। एमसीआई ने प्रकरण को अपनी एथिक्स कमेटी को भेजा। एथिक्स कमिटि के सदस्य, जिसमें हृदय रोग विशेषज्ञ भी थे ने टिप्पणी दी है कि मरीज के इलाज में डॉ दिलीप रत्नानी ने कोई गलती नहीं की इसलिए चिकित्सकीय लापरवाही का मामला नहीं बनता। एथिक्स कमेटी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए डॉ रत्नानी को क्लीन चिट दे दी है।

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