मनरेगा के अंतर्गत बनें गौठान : ताम्रध्वज साहू

स्कूल परिसर में सुरक्षित रहे एक एकड़ का खेल मैदान
Durgदुर्ग। सांसद ताम्रध्वज साहू ने कहा है गांवों में गौठान निर्माण के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता से लिए जाने चाहिए। मनरेगा के अंतर्गत यह कार्य किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से काली मिट्टी वाले गांवों में अनिवार्य तौर से गौठान निर्माण करने कहा है। श्री साहू ने जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चरागाह के अभाव में बारिश के मौसम में मवेशियों को इन गोठानों में दिन भर खड़े रखा जाता है। इसलिए अच्छे मजबूत तरीके से इनका निर्माण किया जाना चाहिए। बैठक में महापौर दुर्ग श्रीमती चंद्रिका चंद्राकर, महापौर भिलाईनगर देवेन्द्र यादव, महापौर भिलाई-चरौदा श्रीमती चंद्रकांता माण्डले, पूर्व विधायक डॉ. दयाराम साहू सहित जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि उपस्थित थे। जिला कलेक्टर श्रीमती आर. शंगीता ने बैठक में जिले में केन्द्रीय योजनाओं की प्रगति का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
सांसद श्री साहू ने कहा कि गांवों में अतिक्रमण के चलते सार्वजनिक जगहों की कमी हो गई है। अभी समय है कि स्कूल के खेल मैदान के नाम से कम से कम एक एकड़ जमीन आरक्षित रखे जाएं। स्कूल के नाम पर यह जमीन सुरक्षित रहे। खेल के साथ-साथ अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक कामों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
सांसद ने जीण-शीर्ण सरकारी भवनों के बदले नए भवनों का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। श्री साहू ने कहा कि स्कूल परिसरों में ही आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि नन्हें बच्चों में आगे स्कूल के वातावरण से तालमेल बिठाने में सहजता हो।
उन्होंने एनआरएलएम योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा समूहों को ऋण देने में आनाकानी की आलोचने करते हुए भारतीय स्टेट बैंक के प्रदर्शन को भी निराशाजनक बताया। उन्होंने इस बाबत स्टेट बैंक के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने के भी निर्देश दिए।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना की समीक्षा करते हुए सांसद ने कहा कि जिले के युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने वाले संस्थान का संचालन स्थानीय स्तर पर इसी जिले में ही होनी चाहिए। उन्होंने दुर्ग जिले के लिए रायपुर में संचालित दो संस्थानों को यहां बुलाने के निर्देश दिए। उन्होंने योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 3 हजार 100 के विरूद्ध अब तक की प्रगति केवल एक हजार 682 को नाकाफी बताते हुए लक्ष्य पूर्ति के निर्देश दिए।

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