कैंसर की गांठ की पहचान हुई कुछ और आसान

भिलाई। कैंसर की गांठ की पहचान कुछ और आसान हो गई है। सायटोलॉजी की नई तकनीकों से प्रारंभ में ही 95 से 98 प्रतिशत तक बीमारी की सही जानकारी हो जाती है। जेएलएन चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में सॉयटोलॉजी अपडेट रे अवसर पर सीनियर कंसल्टेंट डॉ राजू भैसारे ने यह जानकारी दी। डॉ भैसारे ने सॉयटोलॉजी जाँच चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में इस तकनीक की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से किसी भी प्रकार के कैंसर, नॉन-कैंसर, टीबी इन्फेक्शन और अन्य विभिन्न बीमारियों की जानकारी अत्यंत सरलतापूर्वक मिल जाती है।भिलाई। कैंसर की गांठ की पहचान कुछ और आसान हो गई है। सायटोलॉजी की नई तकनीकों से प्रारंभ में ही 95 से 98 प्रतिशत तक बीमारी की सही जानकारी हो जाती है। जेएलएन चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में सॉयटोलॉजी अपडेट रे अवसर पर सीनियर कंसल्टेंट डॉ राजू भैसारे ने यह जानकारी दी। डॉ भैसारे ने सॉयटोलॉजी जाँच चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में इस तकनीक की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से किसी भी प्रकार के कैंसर, नॉन-कैंसर, टीबी इन्फेक्शन और अन्य विभिन्न बीमारियों की जानकारी अत्यंत सरलतापूर्वक मिल जाती है। इस जाँच को एफएनऐसी (फाइन नीडल ऐसपिरेशन सॉयटोलॉजी) कहते हैं। इससे शरीर के अंदर किसी भी जगह में मौजूद सूजन को सोनोग्राफी या सीटी स्केन के जरिये देखकर भी पता लगाया जा सकता है। इस जाँच से शुरुआत में ही बीमारी की जानकारी मिल जाती है जो कि 95 से 98 प्रतिशत तक सही पायी गई है। इसे जरूरत पडऩे पर बॉयप्सी द्वारा कन्फर्म किया जाता है।
पीजीआई चंडीगढ़ के सॉयटोलॉजिस्ट डॉ प्रणब डे ने थॉयराइड ग्रंथी में सूजन, विभिन्न प्रकार की बीमारियों एवं उसकी आसान जाँच तथा इलाज की जानकारी दी। उन्होंने ब्रानकियल वाश एवं लिवाज विषय पर फेफड़ों और श्वांस नली में किसी भी प्रकार की सूजन या गांँठ होने पर या पानी भर जाने पर एण्डोस्कोपी के जरिये उसे वाश करके और उसकी जाँच कर बीमारी की जानकारी देने के बारे में विस्तार से बताया।
बीजे मेडीकल कॉलेज पुणे की डॉ शारदा राणे ने लार गं्रथी (सलाइवरी ग्लेंड ट्यूमर) पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कैंसर तथा नॉन कैंसर गाँंठ के बीच में फर्क को इस आसान जाँच द्वारा पता लगाने की जानकारी दी।
पैथोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित सॉयटोलॉजी अपडेट के इस कार्यक्रम में जेएलएन चिकित्सालय के निदेशक प्रभारी डॉ के एन ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ एस के ईस्सर एवं डॉ ए के गर्ग विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। आयोजन में पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संयुक्त निदेशक डॉ रवीन्द्रनाथ एम का विशेष योगदान रहा। संचालन डॉ राजू भैसारे एवं डॉ प्राची ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ रवीन्द्रनाथ एम ने किया। आयोजन में डॉ मनीषा कांगो तथा डॉ गुरमीत सिंह की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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