32 सालों से बदहाल है ये गांव, रहते हैं सिर्फ 12 परिवार, दूसरे गांव में रखते हैं मोटरसाइकिल

धमतरी। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में 12 परिवार के लोग पिछले 32 सालों से बदहाली के बीच जिंदगी जीते आ रहे हैं। चलने के लिए गांव में न सड़क है, न रहने को ठीक से मकान। कलेक्टर को दुखड़ा सुनाकर प्रभावित ग्रामीणों ने व्यवस्थापन करने की गुहार लगाई।धमतरी। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में 12 परिवार के लोग पिछले 32 सालों से बदहाली के बीच जिंदगी जीते आ रहे हैं। चलने के लिए गांव में न सड़क है, न रहने को ठीक से मकान। कलेक्टर को दुखड़ा सुनाकर प्रभावित ग्रामीणों ने व्यवस्थापन करने की गुहार लगाई। ग्रामीणों की पीड़ा सुन कलेक्टर ने कहा कि मैं खुद एक सप्ताह के भीतर आपके गांव में समस्या देखने आ रहा हूं। धमतरी ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसे डुबान के ग्राम पंचायत कोड़ेगांव बी के आश्रित ग्राम सिंघोला के ग्रामीण परसराम पटेल, शंकर लाल पटेल, हेमंत कुमार साहू, परमानंद पटेल, मोतीलाल, संजय, देवेशधर दीवान, रोहित कुमार पटेल, सिंधू पटेल सोमवार 11 दिसंबर को कलेक्टोरेट पहुंचे। कलेक्टर सीआर प्रसन्ना से मुलाकात कर ग्रामीणों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि गांव में पिछले 32 सालों से नर्क से बदतर जिंदगी जी रहे हैं। चलने को न सड़क है, न पढऩे के स्कूल। रहने को ठीक से मकान नहीं है। गांव में एक भी किराना दुकान नहीं है। गांव चारों ओर से गंगरेल बांध के पानी से घिरा हुआ है। बारिश में पूरा गांव टापू में तब्दील हो जाता है। गांव के लोग नाव पर निर्भर हो जाता है। खाद्य सामग्री से लेकर पढ़ाई करने तक नाव का सहारा लेना पड़ता है।
रोजगार के लिए कोई भी साधन नहीं है। ढीमर व अन्य जाति के लोग नहीं होने के बाद भी उनका जीविकोपार्जन मछली मारने पर टिकी हुई है। बारिश में खेती-किसानी नहीं कर पाते। रबी में धान फसल लेते हैं, लेकिन इस साल शासकीय फरमान से जीवन जीने के लिए सोचने मजबूर हो गए हैं।
दूसरे गांव में रखते हैं मोटरसाइकिल
साइकिल व मोटरसाइकिल दूसरे गांव में रखना पड़ता है। गांव पहुंचने के लिए एक भी सड़क नहीं है। गांव में एक भी सीसी रोड नहीं है। बांध के मैदान की पगडंडी से होकर उन्हें गांव पहुंचना पड़ता है। गांव में एक भी सामुदायिक भवन नहीं है। स्कूल भवन बंद पड़ा है। आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं है। बमुश्किल टीवी चल पाता है, जिससे ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं की जानकारी होती है। सालों से ग्रामीणों को मनरेगा कार्य नहीं मिल पाया है। गांव में किसी भी योजना के तहत विकास कार्य नहीं हुए हैं। ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने कहा कि आप लोगों की जो भी समस्या है, हम देखने के लिए एक सप्ताह के भीतर आपके गांव आ रहे हैं।

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