रूंगटा फार्मेसी कॉलेज के सेमीनार में मिली पेटेंट और पब्लिकेशन के तरीकों की जानकारी

भिलाई। रूंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च में सीजीकॉस्ट द्वारा स्पॉन्सर्ड करेंट नीड ऑफ पेटेंट एण्ड पब्लिकेशन इन रिसर्च फॉर ग्लोबल रेकगनिशन विषय पर दो-दिवसीय नेशनल सेमीनार का शनिवार को समापन हो गया। इसें विद्यार्थियों को शोध के पेटेंट और पब्लिकेशन की सम्पूर्ण विधि की जानकारी प्रदान की गई। शोधार्थियों के लिये पेटेंट क्यों आवश्यक है? शोधार्थियों के लिये पेटेंट न करा पाने के क्या कारण हैं? पब्लिकेशन्स के लिये क्या फॉर्मेलिटीज होती हैं? इन सभी बातों की जानकारी समेटे सीजीकॉस्ट स्पॉन्सर्ड दो-दिवसीय रूंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च (आरसीपीएसआर) में आयोजित नेशनल सेमीनार शोधार्थियों को एक नई दिशा दिखाने में कामयाब रहा।भिलाई। रूंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च में सीजीकॉस्ट द्वारा स्पॉन्सर्ड करेंट नीड ऑफ पेटेंट एण्ड पब्लिकेशन इन रिसर्च फॉर ग्लोबल रेकगनिशन विषय पर दो-दिवसीय नेशनल सेमीनार का शनिवार को समापन हो गया। इसें विद्यार्थियों को शोध के पेटेंट और पब्लिकेशन की सम्पूर्ण विधि की जानकारी प्रदान की गई। शोधार्थियों के लिये पेटेंट क्यों आवश्यक है? शोधार्थियों के लिये पेटेंट न करा पाने के क्या कारण हैं? पब्लिकेशन्स के लिये क्या फॉर्मेलिटीज होती हैं? इन सभी बातों की जानकारी समेटे सीजीकॉस्ट स्पॉन्सर्ड दो-दिवसीय रूंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च (आरसीपीएसआर) में आयोजित नेशनल सेमीनार शोधार्थियों को एक नई दिशा दिखाने में कामयाब रहा।साइंटिफिक राउण्ड के अंतर्गत आज एक राउण्ड ओरल प्रेजेण्टेशन तथा ई-पोस्टर प्रेजेण्टेशन के दो सेशन्स हुए। फार्मेसी रिसर्चर मुक्ता अग्रवाल को उनके शोध पत्र नोज टू ब्रेन ड्रग डिलिवरी फॉर द ट्रीटमेन्ट ऑफ अल्जाइमर डिजीज के लिये प्रथम पुरस्कार मिला जिसमें शोधार्थी मुक्ता ने अल्जाइमर बीमारी के नवीन ड्रग डिलिवरी सिस्टम पर शोध कार्य किया है जिसमें अल्जाइमर से संबंधित दवा की कम मात्रा को अधिक प्रभावी तरीके से मरीज को दिया जा सकेगा। यह पद्धति मरीज के लिये कम खर्चीली तथा कम कष्टप्रद होगी। आरसीपीएसआर, भिलाई की शुभांगी, श्रुति तथा खिलेश्वरी के प्रस्तुत संयुक्त शोध पत्र को द्वितीय पुरस्कार तथा यहीं की अक्षदा दुबे, जयश्री तथा मनीषा के संयुक्त शोध पत्र को तृतीय पुरस्कार मिला। ई-पोस्टर प्रेजेण्टेशन में प्रथम स्थान सीआईपी, रायपुर की चारूल लाउत्रे, द्वितीय आरसीपीएसआर, भिलाई की अमनप्रीत कौर कालरा तथा तृतीय पुरस्कार एसएसजीआई, एफपीएस, भिलाई की दीपिका साहू को मिला। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये गय। मौके पर डायरेक्टर-आरसीइटी डॉ. एस.एम. प्रसन्नकुमार, प्रिंसिपल आरसीपीएसआर डॉ. डी.के. त्रिपाठी, प्रिंसिपल जीडीआरसीएसटी डॉ. नीमा बालन, सेमीनार के संयोजक डॉ. अमित अलेक्जेण्डर, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी मुकेश शर्मा, डॉ. कार्तिक नखाते, प्रबंधक जनसंपर्क सुशांत पंडित सहित रूंगटा फार्मेसी कॉलेज के फैकल्टी मेम्बर्स, राज्य तथा देश के विभिन्न कॉलेजों से आये प्रतिभागी तथा बड़ी संख्या में फार्मेसी स्टूडेंट्स उपस्थित थे।
सेमीनार में की-नोट एड्रेस के दौरान सीजीकॉस्ट के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अमित दुबे ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के बारे में बताया कि इसका अर्थ आपकी अपने स्वामित्व वाली चीज को अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराना है। शोध कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जरूरी नहीं कि रिसर्च के लिये नया टॉपिक ही ढूंढा जाये बल्कि पुरानी हुई रिसर्च पर भी आगे का शोध कार्य किया जा सकता है। इंटलेक्चुअल प्रापर्टा राइट्स आपके आईडिया को कॉपी होने से बचाता है। इनोवेशन का रिसर्च की फील्ड में हमेशा से स्कोप रहा है। फार्मेसी रिसर्च के क्षेत्र में डायबिटिज तथा कैंसर से जुड़ी शोधों की आज के समय भारी डिमांड है। पेटेंट के बारे में उन्होंने बताया कि पेटेंट कराते समय आपको अपने संपूर्ण शोध कार्य, प्रोसेस, प्रोडक्ट स्पेसिफीकेशन सबंधी सारी जानकारी शेयर करना पड़ता है अत: इसमें विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है और इसलिये इसके लिये डॉक्यूमेंटेशन का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने संपूर्ण प्रक्रिया तथा संबंधित विषयों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। दूसरे सब्जेक्ट एक्सपर्ट के रूप में डॉ. चंचलदीप कौर, प्रिंसिपल, एसआरआईपी ने ट्रांजिशन ऑफ पब्लिकेशन इनटू पेटेंट तथा आणंद, गुजरात के रमनभाई पटेल कॉलेज ऑफ फार्मेसी से आये तीसरे स्पीकर डॉ. रविश पटेल ने पब्लिकेशन एण्ड रेफरेंस मैनेजमेंट पर अपने संबोधन में बताया कि समय के साथ हमें रिसर्च पेपर लिखने की पद्धति को भी इम्प्रुव करना जरूरी है, साथ ही इसके लिये नये सॉफ्टवेयर जैसे रेफरेंस मैनेजमेंट एण्ड नोट को यूज करने की जानकारी भी दी। उन्होंने प्लेगेरिज्म के संबंध में भी जानकारी प्रदान की। समस्त प्रतिभागियों ने इस सेमीनार को अत्यंत ही ज्ञानवद्र्धक तथा रिसर्च संबंधी जानकारी प्रदान करने हेतु अत्यंत उपयोगी बताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *