कुपोषण मुक्ति के प्रयासों के लिए छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पुरस्कार

ज्ञात हो कि प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए विश्व बैंक के सहयोग से इस्निप परियोजना चलाई जा रही है। इसके तहत एकीकृत बाल विकास सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और पोषण की स्थिति सुधारने पर जोर दिया जा रहा है। 2014 से यह परियोजना प्रदेश के 17 जिलों-महासमुंद, कोरबा, दुर्ग, कवर्धा, जशपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, नारायणपुर, रायपुर, बेमेतरा, बालोद, सुकमा, कोंडागांव, गरियाबंद और बलौदाबाजार भाटापारा जिले में चलाई जा रही है। परियोजना जून 2018 तक चलेगी। इन जिलों में 134 एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत 28 हजार 682 आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण चौपाल के तहत गोद भराई, बच्चों का अन्न् प्राशन, बाल भोज आदि कार्यक्रम किए जाते हैं।