बीएसपी के नियोनेटल यूनिट ने नवजातों को दी नई जिंदगी

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र की चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं विभाग अपनी उत्कृष्टता व श्रेष्ठता के चलते पूरे प्रदेश में एक अलग पहचान बना चुकी है। अस्पताल की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई अपनी उत्कृष्टता के लिए विख्यात है। अस्पताल में नवजात शिशुओं की मृत्युदर वर्ष 2017-18 में लगभग 10.7 प्रति हजार लाइव बर्थ थी। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मृत्युदर लगभग 26 प्रति हजार लाइव बर्थ है। यह यूनिसेफ द्वारा दिए गए लक्ष्य से कहीं बेहतर है। भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र की चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं विभाग अपनी उत्कृष्टता व श्रेष्ठता के चलते पूरे प्रदेश में एक अलग पहचान बना चुकी है। अस्पताल की नियोनेटल आईसीयू अपनी उत्कृष्टता के लिए विख्यात है। अस्पताल में नवजात शिशुओं की मृत्युदर वर्ष 2017-18 में लगभग 10.7 प्रति हजार लाइव बर्थ थी। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मृत्युदर लगभग 26 प्रति हजार लाइव बर्थ है। यह यूनिसेफ द्वारा दिए गए लक्ष्य से कहीं बेहतर है।
यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रन्स फंड्स (यूनिसेफ) द्वारा मिलेनियम डेवलपमेंट गोल (एमडीजी)/सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) के तहत वर्ष 2030 में भारत में नवजात शिशु मृत्युदर 12 प्रति हजार लाइव बर्थ का निर्धारण किया है। भिलाई इस्पात संयंत्र के नियोनेटल यूनिट ने नवजात शिशु मृत्युदर 10.7 प्रति हजार लाइव बर्थ प्राप्त कर यूनिसेफ के लक्ष्य को पीछे छोड़ दिया है। यहां कुछ केस डीटेल्स दिए जा रहे हैं।
बीएसपी के प्रतिष्ठित नियोनेटल यूनिट के डॉ जी मालिनी एवं डॉ सुबोध साहा की टीम द्वारा यादव परिवार के नवजात शिशुओं की जिन्दगी बचा ली गई। बच्चे के माता-पिता श्रीमती भारती यादव एवं श्री जवाहरलाल यादव भिलाई-3 निवासी हैं। उनके यहां जुड़वा बच्चों की यह 8 माह की प्री मेच्योर्ड डिलेवरी हुई। शिशुओं का वजन क्रमश: 1400 ग्राम व 1300 ग्राम था और उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। प्रथम शिशु को 17 दिन तथा दूसरे शिशु को 21 दिन नियोनेटल आईसीयू में रखा गया। अब दोनों शिशुओं की किलकारियों से घर आंगन गूंज रहा है।
अस्पताल की संयुक्त निदेशक डॉ जी मालिनी ने बताया कि जन्म से ही बच्चों का वजन काफी कम था। साथ ही उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। अत्यधिक लो बर्थ वेट के चलते इलाज अत्यंत क्रिटिकल था। सीनियर उप निदेशक डॉ सुबोध साहा ने कहा कि नवजात शिशुओं का जीवन बचाकर उन्हें जहाँ खुशी मिलती है वहीं अस्पताल की प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।
निदेशक प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ के एन ठाकुर के मार्गदर्शन तथा चिकित्सालय के निदेशकों डॉ संजीव इस्सर, डॉ ए के गर्ग एवं डॉ अनुराग श्रीवास्तव की देखरेख में बीएसपी के नियोनेटल आईसीयू ने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *