भारत की पहली रिकार्डिंग आर्टिस्ट गौहर जान की आज जयंती

Singer Gauhar Jaan19वीं और 20वीं सदी के संधिकाल की महान गायिका गौहर जान का आज जन्मदिन है। 26 जून 1873 को अमरीकी परिवार में उनका जन्म हुआ। उनकी माता एक कुशल नृत्यांगना थीं। विवाह विच्छेद के बाद उन्होंने एक मुसलमान से विवाह कर लिया। एंजलिना का नाम गौहर जान हो गया। उन्होंने संगीत की तालीम हासिल की। जल्द ही उनकी ख्याति दूर दूर तक फैल गई। अपने जीवन काल में उन्होंने 20 भाषाओं में ठुमरी से लेकर भजन तक गाए हैं। भारतीय संगीत के इतिहास में वे पहली हस्ती हैं जिनकी रिकार्डिंग हुई। उन्हें भारत का पहला रिकार्डिंग सुपरस्टार कहा जाता है। भारत में पहली बार साल 1902 में ‘ग्रामोफोन कंपनी’ ने गौहर से उनके गाए गीतों की रिकॉर्डिंग करवाई। हर गीत के लिए उन्हें 3000 रुपए दिए गए। साल 1902 से लेकर 1920 तक उनके हिंदुस्तानी, बंगला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो, अंग्रेजी और फ्रेंच गीतों के छह सौ डिस्क निकले। उनकी कुछ चुनी हुई रिकॉर्डिंग एचएमवी के चेयरमैन चॉइस और सांग्स आॅफ मिलेनियम सीरीज आज भी उपलब्ध है।
गौहर ने रामपुर के उस्ताद वजीर खान, लखनऊ के बिंदादिन और कलकत्ता के प्यारे साहिब से गायन की तालीम हासिल की। इतना ही नहीं, उन्होंने चरण दास के निर्देशन में द्रुपद, खयाल, ठुमरी और बंगाली ‘कीर्तन’ में भी महारत हासिल की।
गौहर जान अपने समय की सबसे विख्यात और अमीर गायिका थीं। उन्हें पूरे देश में उनकी कला और शाही जीवन-शैली के लिए जाना जाता था। साल 1911 में दिल्ली दरबार में जार्ज पंचम के राज्याभिषेक में गौहर की फनकारी ने अंग्रेजों और दूसरे विदेशी मेहमानों को भी अपना प्रशंसक बनाया। गौहर ने जमींदार निमाई सेन से विवाह रचाया, लेकिन आपसी तालमेल न बनने से दोनों अलग हो गए। उन्हें वैवाहिक जीवन का सुख नहीं मिला। 13 साल की उम्र में उन्हें यौन शोषण का सामना करना पड़ा था। जिसकी टीस उन्हें जीवनभर सालती रही।
एक अगस्त 1928 को मैसूर के राजा कृष्ण राजा वडियार चतुर्थ ने गौहर को अपने दरबारी संगीतकार के तौर पर नियुक्त कर सम्मानित किया। देश के कई राज दरबारों से होती हुई वे जिंदगी के आखिरी दिनों तक वे गाती रहीं। 17 जनवरी 1930 को गौहर जान ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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