ज्ञान विज्ञान का समन्वय ही इंस्पायर कैम्प का उद्देश्य – शेखर दत्त

Science College Inspireदुर्ग। ज्ञान विज्ञान का समन्वय ही इंस्पायर कैम्प का मुख्य उद्देश्य है। प्रत्येक प्रतिभागी को कैम्प में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आमंत्रित वक्ताओं का लाभ उठाना चाहिए। ये उद्गार छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त ने शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किये। श्री दत्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित पांच दिवसीय इंस्पायर इंटर्नशिप साइंस कैम्प 2018 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री दत्त ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को उसके अंदर छुपी दक्षता को पहचान कर किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से विज्ञान के क्षेत्र में शोध की अपार संभावनाओं को तलाशने का आग्रह किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आईटीएम विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति प्रोफेसर कमलकांत द्विवेदी ने कहा कि हमारे देश का भविष्य युवा वैज्ञानिकों के हाथ में है। वर्तमान में देश में 800 विश्वविद्यालय तथा 48000 महाविद्यालय है। श्री द्विवेदी ने कहा कि इंस्पायर प्रोग्राम के आरंभ से लेकर अब तक लगभग 10000 विद्यार्थी हिस्सा ले चुके है। श्री द्विवेदी ने बताया कि हमारे देश में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 150 वैज्ञानिक है, जबकि अन्य विकसित देशों में दस हजार जनसंख्या पर लगभग 100 वैज्ञानिक कार्यरत है। इसी लिए केन्द्र सरकार ने इंस्पायर कैम्प के माध्यम से शालेय स्तर के विद्याथिर्यों को बेसिक साइंस के तरफ मोड़ने हेतु प्रयास आरंभ किया है।
अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं अतिरिक्त संचालक, उच्चशिक्षा दुर्ग संभाग डॉ. एस.के. राजपूत ने प्रतिभागियों से कहा कि वे इंस्पायर कैम्प के दौरान प्राप्त नवीनतम ज्ञान को अपनी-अपनी शालाओं में अन्य सहपाठियों के बीच में अवश्य बांटे। देश के निर्माण में ज्ञान का प्रचार-प्रसार महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉ. राजपूत ने महाविद्यालय में लगातार तीसरी बार आयोजित हो रहे इंस्पायर प्रोग्राम की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर जय प्रकाश साव ने स्वतंत्रता से अब तक की विज्ञान की विकास यात्रा एवं इंस्पायर जैसे कार्यक्रमों के आयोजन की प्रासंगिकता का विश्लेषण किया। दुर्ग के संभागायुक्त दिलीप वासनीकर ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान परिवर्तनशील समाज को नई दिशा देता है। वैज्ञानिक सोच जीवन में व्यक्ति को सफल बनाती है।
हेमचंद विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डॉ. शैलेन्द्र सरॉफ ने कहा, हम सभी का यह दायित्व है कि भारत को शोध के क्षेत्र में विश्व में सिरमौर बनाये। फार्मेसी के क्षेत्र में भारत की दक्षता पर प्रकाश डालते हुए डॉ. सराफ ने कहा कि विश्व में बनने वाली दवाईयों में लगभग हर पांचवी टेबलेट भारत में निर्मित होती है। डॉ. सराफ ने विद्यार्थियों को अपने देश की आवश्यकता के अनुरूप शोधकार्य करने का आव्हान किया।
प्रसिध्द शिक्षाविद् एवं गंगाजली एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष आई.पी. मिश्रा ने इंस्पायर प्रोग्राम के आयोजन को साइंस कालेज, दुर्ग के इतिहास में मील का पत्थर करार देते हुए इसे विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभप्रद बताया। श्री मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जितने प्रकार के खनिज पाये जाते है। उससे कहीं अधिक प्रकार की विलक्षण प्रतिभायें हमारे छत्तीसगढ़ अंचल में मौजूद है। श्री मिश्रा ने विद्यार्थियों से पहले सर्च एवं उसके पश्चात रिसर्च करने का आव्हान किया। कार्यक्रम के दौरान इंस्पायर प्रोग्राम से संबंधित स्मारिका का विमोचन अतिथियों ने किया। प्राचार्य डॉ. राजपूत, डॉ. एम.ए. सिद्दीकी, डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. जगजीत कौर सलूजा एवं डॉ. ओ.पी. गुप्ता ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किये। इससे पूर्व सरस्वती वंदना एवं माता सरस्वती के पूजन के साथ आरंभ हुए इंस्पायर के उद्घाटन समारोह में अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत करने वालों में प्राचार्य डॉ. राजपूत, इंस्पायर प्रोग्राम के सहायक समन्वयक डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अजय सिंह, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. अनुपमा अस्थाना एवं डॉ. जगजीत कौर सलूजा शामिल थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने करते हुए बताया कि इंस्पायर कैम्प के दौरान प्रतिभागी विद्याथिर्यों के नेत्र परीक्षण के साथ-साथ उनका कौशल परीक्षण, नवीनतम आइडिया पर आधारित परीक्षण होगा। विद्याथिर्यों को साइंस सेंटर, रायपुर तथा अटल नगर नया रायपुर का भ्रमण भी कराया जायेगा।
इंस्पायर र्साइंंस कैम्प के प्रथम दिन 3 तकनीकी सत्रों में आमंत्रित व्याख्यान आयोजित हुए, जिसमें प्रथम व्याख्यान आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के कुलपति प्रोफेसर कमलकांत द्विवेदी का हुआ। अपने व्याख्यान में प्रोफेसर द्विवेदी ने इनोवेशन तथा इमरजिंग टेक्नालॉजी पर ज्ञानवर्धन जानकारी दी। उन्होंने विकसित होते नवीनतम इकोसिस्टम तथा नवीनतम तकनीकों के माध्यम से दैनिक जीवन में आने वाले बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने विदेशों में की जा रही खोज की तुलना भारत में संसाधनों की कमी के बावजूद जुकाड़ टेक्नालॉजी से की। उन्होंने वायरलेस पावर ट्रांसफर न्यूक्लियर एनर्जी तथा पॉलीमर टेक्नालॉजी पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने चन्द्रमा पर मानव बस्ती के बसने के संभावना तथा समुद्र में खेती एवं भविष्य के मेडिकल साइंस पर आधारित रोचक जानकारी विद्यार्थियों को दी।
इंस्पायर र्साइंंस कैम्प के द्वितीय सत्र में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र, मुंबई के वैज्ञानिक कुमार आपटे ने अपने संबोधन में न्यूक्लियर पावर प्लांट के आसपास के जनजीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का पर्यावरण, जैव विविधता, कृषि एवं मानव स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से बैकग्राउंड विकिरण के स्तर में बहुत हल्की वृध्दि होती है तथा वृहद मात्रा में थर्मल अवशिष्ट का निष्कासन होता है। उन्होंने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के संबंध में भ्रांतियां एवं भ्रामक प्रचारों से दूर रहने की सलाह दी। तृतीय सत्र में सेंट जेवियर्स कालेज, अहमदाबाद के डॉ. उदयन प्रजापति ने गणित विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सारगर्भित प्रकाश डालते हुए विद्याथिर्यों को गणित से भयभीत न होकर उसे सही ढंग से समझने की सलाह दी। कैम्प के हायर सेकेण्डरी स्कूल स्तर के लगभग 200 विद्याथिर्यों में से अनेक विद्याथिर्यों ने प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा का समाधान किया। इंस्पायर कैम्प के सहायक समन्वयक डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अजय सिंह ने बताया कि कैम्प के दूसरे दिन 29 अगस्त को राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर की भौतिक शास्त्री डॉ. कानन बाला शर्मा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. अली मोहम्मद के आमंत्रित व्याख्यान के अलावा प्रतिभागी विद्याथिर्यों का नेत्र परीक्षण भी कराया जायेगा। संध्या 5.00 बजे से साईंस कालेज, दुर्ग के विद्यार्थी एवं प्रतिभागी शालेय विद्यार्थी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।

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