अपने सवालों से विद्यार्थियों ने विषय विशेषज्ञों को किया चकित

Science College Durgदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में चल रहे डीएसटी इंस्पायर साइंस इंटर्नशिप कैम्प के चौथे दिन विद्यार्थियों के बौध्दिक परीक्षण हेतु आयोजित बहुविकल्पीय टेस्ट परीक्षा में विद्यार्थियों के परफार्मेंस एवं विषय-विशेषज्ञों के व्याख्यानों के दौरान पूछे गये प्रश्नों के स्तर से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विषय-विशेषज्ञ आश्चर्य चकित रह गये। science-college-inspire-aud Inspire Programme Science College Durgयह जानकारी देते हुए इंस्पायर कैम्प के मुख्य समन्वयक एवं साईंस कालेज, दुर्ग के प्राचार्य डॉ. एस.के. राजपूत ने बताया कि आज ही विद्याथिर्यों द्वारा उनके मन में उठने वाले विचारों युक्त इनोवेटिव आइडिया प्रस्तुतिकरण स्पर्धा भी आयोजित की गयी। उक्त दोनों स्पर्धाओं में अनेक विद्याथिर्यों ने उच्चतम अंक प्राप्त किये। इनमें अधिकांश छात्राऐं शामिल थी। डॉ. राजपूत ने बताया कि एक विद्यार्थी ने पूछा कि जब प्राकृतिक रूप से निर्मित हर चीज मानव सभ्यता के लिए लाभप्रद होती है, तो सूर्य के प्रकाश से आने वाला विकिरण कैसे हानिकारक होता है? विद्याथिर्यों ने आकाश के नीले रंग, डीएनए टेस्ट, रक्त परीक्षण तथा एलईडी बल्बों के आविष्कार से संबंधित प्रश्नों की झड़ी विशेषज्ञों के समक्ष लगा दी। आवर्त सारिणी पर आधारित अनेक प्रश्नों के उत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. राजपूत ने बड़े ही रोचक ढंग से दिए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विषय-विशेषज्ञों प्रोफेसर विजय मेंदुलकर, प्रोफेसर अली मोहम्मद, प्रोफसर विजय गुप्ता, डॉ. श्री कुमार आपटे, डॉ. कानन बाला शर्मा, डॉ. के.वी.आर. मूर्ति, डॉ. उदयन प्रजापति तथा डॉ. कृष्णकांत द्विवेदी आदि ने विद्याथिर्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के स्तर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए इन प्रतिभाशाली विद्याथिर्यों की बौध्दिक क्षमता का लोहा मानना पड़ेगा। विद्याथिर्यों ने भी इंस्पायर कैम्प को लाभप्रद बताते हुए आमंत्रित व्याख्यानों के भरपूर लाभ अर्जित किया।
एम.एस. युनिवसिर्टी बड़ोदरा के प्रोफेसर के.वी.आर. मूर्ति ने अपने व्याख्यान में पाषाण युग में पत्थर की चिंगारी से प्राप्त होने वाली ऊर्जा एवं रोशनी से लेकर वतर्मान समय की नई खोज ओएलइडी बल्बों के व्यवहारिक उपयोग पर रोचक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एलइडी बल्बों के उपयोग से ऊर्जा की खपत में कमी आती है साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्रोफेसर मूर्ति ने परावर्तन के सिध्दांत के आधार पर आसमान के नीले रंग के संबंध में भी रोचक जानकारी विद्याथिर्यों को दी। विद्याथिर्यों ने प्रोफेसर मूर्ति से अनेक प्रश्न पूछकर अपनी शंका समाधान किया।
एन.एस.आई.टी नई दिल्ली के प्रोफेसर विजय गुप्ता ने गणित विषय से संबंधित अपने व्याख्यान में गणित से संबंधित रोचक तथ्य एवं उसके अनुप्रयोग पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीवन के आरंभ से लेकर समाप्ति तक हर जगह गणित का उपयोग होता है। जन्मतिथि से लेकर मृत्यु तिथि तक हम अंकों के जाल में उलझे रहते है। गणित को सरल विषय निरूपित करते हुए प्रोफेसर गुप्ता ने विद्याथिर्यों से रूचि लेकर गणित पढ़ने का आव्हान किया। डॉ. गुप्ता ने पहेलियों के माध्यम से जन्मतिथि ज्ञात करने का रोचक प्रस्तुतिकरण किया।
आज विद्याथिर्यों को छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति से रूबरू कराने रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण कराया गया। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों से आये छात्र-छात्राओं ने पुरखौती मुक्तांगन की मुक्त कंठ से सराहना की। सौर ऊर्जा के दैनिक जीवन में अनुप्रयोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देने हेतु विद्याथिर्यों को अटल नगर नया रायपुर तथा क्रेडा पार्क का भ्रमण भी कराया गया। विद्याथिर्यों ने ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में सौर ऊर्जा के भौतिक रूप से क्रियान्वयन को कौतूहल वश देखकर जानकारी प्राप्त की। विद्याथिर्यों के साथ मार्गदर्शक प्राध्यापकों में डॉ. एस.आर. ठाकुर, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. श्रीनिवास देशमुख, डॉ. नूतन राठौड़, डॉ. अंशुमाला चन्दनगर, डॉ. लक्ष्मीकांत भारती, डॉ. के.पद्मावती, डॉ. संजय दास, डॉ. अलका मिश्रा, डॉ. संजू सिन्हा, डॉ. मौसमी डे, डॉ. जी.एस.ठाकुर, डॉ. सतीश सेन, डॉ. विनोद अहिरवार, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. शकील हुसैन आदि शामिल थे। कैम्प के अंतिम दिन 1 सितम्बर को 2 व्याख्यान होंगे, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद के प्रोफेसर किशोर चिखालिया तथा सेंटर फॉर सेल्युलर एण्ड मौल्यूलर बायोलॉजी हैदराबाद के प्रोफेसर अमिताभ चट्टोपाध्याय का व्याख्यान शामिल है। समापन समारोह अपरान्ह 2.30 बजे आरंभ होगा।

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